Home Latest News & Updates तेल आयात शुल्क पर रूस ने ट्रंप प्रशासन से की अहम बैठक की मांग, कूटनीतिक समाधान की कोशिश

तेल आयात शुल्क पर रूस ने ट्रंप प्रशासन से की अहम बैठक की मांग, कूटनीतिक समाधान की कोशिश

by Jiya Kaushik
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India Russia

India-Russia: जहां अमेरिका रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, वहीं भारत अपनी ऊर्जा नीति को संप्रभु अधिकार मानते हुए किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार करने के मूड में नहीं है.

India-Russia: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शुक्रवार को अलास्का के एंकरेज में होने वाली हाई-प्रोफाइल बैठक से पहले ट्रंप का यह बयान चर्चा में है. ट्रंप ने गुरुवार को फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत पर शुल्क लगाने के फैसले ने रूस को अमेरिका से वार्ता के लिए प्रेरित किया, क्योंकि उसने अपना “दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक” खो दिया.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि रूस से तेल खरीदने पर भारत पर लगाए गए शुल्क ने मॉस्को को वाशिंगटन के साथ बैठक की मांग करने के लिए मजबूर किया. उनका कहना है कि भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था और उसके हटने से रूस पर दबाव बढ़ा. हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है कि वह आर्थिक कारणों से ही तेल खरीद जारी रखेगा और अमेरिकी दबाव में नहीं आएगा.

ट्रंप का दावा और अमेरिका का दबाव

ट्रंप ने कहा, “जब मैंने भारत से कहा कि हम आप पर शुल्क लगाएंगे, क्योंकि आप रूस से तेल खरीद रहे हैं, तो इससे भारत ने रूस से तेल लेना लगभग बंद कर दिया और फिर रूस ने हमें कॉल किया और मिलने की इच्छा जताई.”

उन्होंने कहा कि रूस के लिए भारत दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था और वह चीन के करीब पहुंच रहा था. चीन इस समय रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है. ट्रंप के मुताबिक, बड़े ग्राहकों को खोना रूस के रुख में बदलाव का कारण हो सकता है.

भारत का रुख; तेल खरीद पर कोई रोक नहीं

भारत ने ट्रंप के इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि उसने अमेरिकी शुल्क के दबाव में रूस से तेल खरीद बंद नहीं की है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के चेयरमैन ए.एस. साहनी ने कहा, “हम खरीदारी पूरी तरह आर्थिक दृष्टिकोण से करते हैं. अगर कीमत और कच्चे तेल की गुणवत्ता हमारे प्रोसेसिंग के अनुकूल है, तो हम खरीदते हैं.”

अमेरिकी शुल्क और आर्थिक असर

ट्रंप ने पिछले हफ्ते भारत से होने वाले अमेरिकी आयात पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने की घोषणा की, जिससे कुल शुल्क 50% हो जाएगा. यह निर्णय 27 अगस्त से लागू होगा और इससे अमेरिका को होने वाले भारत के करीब 40 अरब डॉलर के गैर-छूट प्राप्त निर्यात पर असर पड़ने की संभावना है.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन शुल्कों को “अनुचित और गैर-तर्कसंगत” बताया है और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.

भू-राजनीतिक संदर्भ और विवाद

ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीद “युद्ध मशीन को ईंधन” दे रही है, जो अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को सहारा देती है. वहीं, भारत का कहना है कि वह केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक लाभ के आधार पर निर्णय लेता है, और यह किसी भी राजनीतिक दबाव से प्रभावित नहीं है.

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