PM Modi on GST: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुधार न केवल कर ढांचे को सरल बनाएगा, बल्कि हर भारतीय के जीवन को आसान करेगा. रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, MSMEs को राहत मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी.
PM Modi on GST: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए घोषणा की कि दिवाली से पहले उनकी सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में बड़े सुधार लाने जा रही है. इस सुधार के बाद रोज़मर्रा की ज़रूरतों की वस्तुओं की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आएगी और कर प्रणाली और भी सरल बनेगी. मोदी ने कहा कि यह कदम “डबल दिवाली” साबित होगा क्योंकि इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि छोटे कारोबारियों और पूरी अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी.
नया टैक्स ढांचा और राहत की उम्मीद
नए प्रस्तावित जीएसटी सुधारों के तहत मौजूदा पांच कर स्लैब्स को घटाकर सिर्फ दो मुख्य दरों, 5% और 18% में बदला जाएगा. जरूरी खाद्य वस्तुएं, दवाइयां और शिक्षा सेवाएं पहले की तरह शून्य कर स्लैब में रहेंगी. वर्तमान 12% कर दर वाली अधिकांश वस्तुओं (करीब 99%) को 5% में लाने का प्रस्ताव है, जिससे रोजमर्रा की जरूरतों की चीज़ें आम आदमी की पहुंच में और भी आसानी से आ जाएंगी. वहीं, सेवाओं पर 18% कर जारी रहेगा, लेकिन बीमा जैसी कुछ सेवाओं के कर दरों पर अभी स्पष्टता नहीं दी गई है. इसके अलावा तंबाकू, गुटखा, पान मसाला और ऑनलाइन गेमिंग जैसे ‘डिमेरिट गुड्स’ पर विशेष 40% कर दर लगाई जाएगी.
इलेक्ट्रॉनिक्स और निर्माण सामग्री पर सबसे बड़ा असर
सुधारों का सबसे अधिक लाभ इलेक्ट्रॉनिक सामान और निर्माण सामग्री पर पड़ेगा. अभी तक एयर कंडीशनर, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और सीमेंट जैसे उत्पाद 28% के उच्चतम टैक्स स्लैब में आते थे, लेकिन अब इन्हें 18% की दर में लाने का प्रस्ताव है. इससे न केवल घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि मकान और बुनियादी ढांचा बनाने की लागत भी कम होगी. सरकार का मानना है कि इससे उपभोग बढ़ेगा और बाजार में नई रौनक आएगी. हालांकि, पेट्रोल, डीज़ल, प्राकृतिक गैस और कच्चा तेल फिलहाल जीएसटी ढाँचे से बाहर ही रहेंगे क्योंकि इनसे राज्यों को बड़ी आय होती है. शराब भी पहले की तरह इस व्यवस्था में शामिल नहीं की जाएगी.
छोटे कारोबारियों और अर्थव्यवस्था पर असर
सरकार का दावा है कि इन सुधारों का सबसे बड़ा फायदा छोटे व्यवसायों और आम जनता को होगा. छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया सिर्फ तीन दिन में पूरी करने का प्रस्ताव रखा गया है. साथ ही, प्री-फिल्ड रिटर्न फाइलिंग की सुविधा दी जाएगी ताकि कर दाखिल करने की प्रक्रिया आसान और तेज बने. वित्त मंत्रालय का कहना है कि शुरुआत में कर संग्रह में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन उपभोग बढ़ने से इसकी भरपाई जल्द हो जाएगी. जीएसटी लागू होने के बाद से देश का अप्रत्यक्ष कर आधार दोगुना होकर 1.52 करोड़ तक पहुंच चुका है और अब इन सुधारों से खपत, रोजगार और उत्पादन में और तेजी आएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुधार न केवल कर ढांचे को सरल बनाएगा, बल्कि हर भारतीय के जीवन को आसान करेगा. रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी, MSMEs को राहत मिलेगी और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी. दिवाली से पहले लागू होने वाले ये बदलाव लोगों के लिए सच्चे मायनों में “डबल दिवाली” का तोहफा साबित होंगे.
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