Home Top News जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से फिर बरपा कुदरत का कहर! रेल सेवा प्रभावित, सरकार अलर्ट मोड पर

जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से फिर बरपा कुदरत का कहर! रेल सेवा प्रभावित, सरकार अलर्ट मोड पर

by Jiya Kaushik
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Jammu-Kashmir Cloudbrust

Jammu-Kashmir Cloudbrust: कठुआ, चिनैनी और पुंछ में त्रासदी के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विपक्ष ने आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार पर उठाए सवाल.

Jammu-Kashmir Cloudbrust: जम्मू-कश्मीर एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है. कठुआ और चिनैनी में बादल फटने की घटनाओं से भारी तबाही मची है. मालगाड़ी पटरी से उतर गई, पुल और सड़कों को नुकसान हुआ और पुंछ में एक मासूम बच्ची की मौत हो गई. इन घटनाओं ने प्रशासन और सरकार को अलर्ट मोड पर ला दिया है, वहीं विपक्ष ने इस आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार से कड़े सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं.

कठुआ और चिनैनी में बादल फटने से तबाही

बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक हुई भारी बारिश ने कठुआ जिले को बुरी तरह प्रभावित किया. 24 घंटे में 174.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिसमें से मात्र एक घंटे में 100 मिलीमीटर पानी बरसने से बादल फटने की स्थिति बन गई. कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. चिनैनी उपमंडल के सराड़ पहाड़ी क्षेत्र में भी बादल फटने की खबर है, जिससे नदी-नालों में अचानक जलस्तर बढ़ गया.

रेलवे पर आपदा का असर

जम्मू-पठानकोट रेल खंड पर लखनपुर के पास मलबा आने से एक मालगाड़ी पटरी से उतर गई. इंजन और एक वैगन के बेपटरी होने से ट्रैक को भारी नुकसान हुआ. इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद हादसा टल नहीं सका. इस वजह से वंदे भारत एक्सप्रेस समेत करीब दर्जनभर ट्रेनें घंटों तक प्रभावित रहीं. पठानकोट-उधमपुर डीएमयू सेवा को रद्द करना पड़ा. रेलवे अधिकारियों ने देर रात तक ट्रैक की मरम्मत जारी रखी.

पुंछ में भूस्खलन, बच्ची की मौत

पुंछ जिले के चक बनोला गांव में भूस्खलन की चपेट में आकर 11 वर्षीय आसिया की मौत हो गई. यह जिले में चार दिनों के भीतर तीसरा भूस्खलन है और दूसरी मौत है. ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. पहाड़ों से लगातार गिरते पत्थरों और भूस्खलन की घटनाओं से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

सरकार अलर्ट मोड पर, विपक्ष हमलावर

मौसम विभाग ने 14 से 16 जुलाई तक जम्मू संभाग के पांच जिलों, रियासी, उधमपुर, जम्मू, सांबा और कठुआ में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इस दौरान 100 से 200 मिलीमीटर तक बारिश होने की संभावना है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है.
जहां प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है, वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार की आपदा प्रबंधन व्यवस्था “कागज़ी” साबित हो रही है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार केवल अलर्ट जारी कर रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर राहत और बचाव इंतज़ाम नाकाफी हैं.

स्थानीय स्तर पर दहशत और प्रशासन की चुनौती

कठुआ, चिनैनी और पुंछ में ग्रामीणों का कहना है कि अचानक पानी का स्तर बढ़ जाने से लोग घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागे. चिनैनी के सराड़ गांव में देर शाम नदी-नालों के बहाव ने ग्रामीणों को भयभीत कर दिया. स्थानीय नेताओं का कहना है कि सरकार को तुरंत राहत कार्यों में तेजी लानी चाहिए.

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