Mumbai News: महाराष्ट्र पुलिस ने सोमनाथ सूर्यवंशी की हिरासत में मौत की जांच के लिए एक विशेष महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है.
Mumbai News: परभणी में सोमनाथ सूर्यवंशी की पुलिस हिरासत में मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए. इस आधार पर बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने SIT से जांच कराने का निर्देश दिया है. महाराष्ट्र पुलिस ने सोमनाथ सूर्यवंशी की हिरासत में मौत की जांच के लिए एक विशेष महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. मालूम हो कि पुलिस ने सूर्यवंशी को परभणी हिंसा के बाद पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया था. 35 वर्षीय सूर्यवंशी की पिछले साल 15 दिसंबर को परभणी के एक सरकारी अस्पताल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी. सूर्यवंशी ने संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति का अपमान किया था. इसी को लेकर शहर में हिंसा हुई. जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
जांच दल में पुलिस अधीक्षक रहेंगे शामिल
पुलिस ने कहा था कि सूर्यवंशी की बीमार होने के बाद मृत्यु हो गई. बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने पिछले हफ्ते राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को एक हफ्ते के भीतर मामले में एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था. एक अधिकारी ने कहा कि तदनुसार, मामले की जांच कर रहे अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने विशेष आईजीपी सुधीर हिरेमठ की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया है. अधिकारी ने बताया कि जांच दल में पुलिस अधीक्षक अभिजीत धाराशिवकर, पुलिस उपाधीक्षक अनिल गव्हाणकर और अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि हिरासत में मौत मामले में जांच दस्तावेज एसआईटी को सौंपने की प्रक्रिया जारी है.
पिछले साल 10 दिसंबर को हुआ था गिरफ्तार
सूर्यवंशी को पिछले साल 10 दिसंबर को परभणी रेलवे स्टेशन के पास डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के पास संविधान की प्रतिकृति में तोड़फोड़ की गई थी. इसी के बाद हिंसा भड़क उठी. पुलिस ने 50 प्रदर्शनकारियों के साथ सूर्यवंशी को गिरफ्तार कर लिया था. 15 दिसंबर को परभणी की एक जेल में उनकी मृत्यु हो गई थी और पुलिस ने इसे दिल का दौरा पड़ने से बताया था. एक अनंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि कई चोटों के बाद सदमे से उनकी मृत्यु हुई. घटना की जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी. जनवरी में महाराष्ट्र सरकार ने हिरासत में मौत की न्यायिक जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी एल अचलिया की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच समिति गठित की थी. समिति हिरासत में मौत की घटना में घटनाओं के क्रम, कारणों और उसके प्रभाव की जांच कर रही थी. पिछले महीने उच्च न्यायालय ने पुलिस को हिरासत में हुई मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.
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