ADR Report: रिपोर्ट के अनुसार, 18वीं लोकसभा में आपराधिक मामलों का सामना करने वाले सांसदों की संख्या अब तक की सबसे ज्यादा है. 543 सांसदों में से 251 (46 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
ADR Report: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने नवनिर्वाचित सांसदों की पृष्ठभूमि पर रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट के अनुसार, 18वीं लोकसभा में आपराधिक मामलों का सामना करने वाले सांसदों की संख्या अब तक की सबसे ज्यादा है. 543 सांसदों में से 251 (46 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 27 सांसद ऐसे हैं जिन्हें अदालत पहले ही दोषी ठहरा चुकी है. एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक, 2009 से अब तक आपराधिक मामलों वाले सांसदों की संख्या में 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. 2004 में ऐसे सांसदों की संख्या 125 (23 प्रतिशत), 2009 में 162 (30 प्रतिशत), 2014 में 185 (34 प्रतिशत) और 2019 में 233 (43 प्रतिशत) थी. लेकिन 2024 में यह संख्या बढ़कर 251 (46 प्रतिशत) हो गई है.
170 सांसदों पर रेप, हत्या जैसे गंभीर आरोप
गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो इस बार 170 सांसद (31 प्रतिशत) ऐसे हैं जिन पर रेप, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आरोप हैं. तुलना करें तो 2009 में यह संख्या 76 (14 प्रतिशत), 2014 में 112 (21 प्रतिशत) और 2019 में 159 (29 प्रतिशत) थी. यानी हर चुनाव में ऐसे सांसदों की संख्या लगातार बढ़ती गई है. दलों के हिसाब से देखें तो बीजेपी, जिसने इस बार 240 सीटों पर जीत दर्ज की, उसके 94 सांसदों (39 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस के 99 में से 49 सांसद (49 प्रतिशत) और समाजवादी पार्टी के 37 में से 21 सांसद (45 प्रतिशत) पर आपराधिक केस दर्ज हैं.
लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंताजनक
गंभीर मामलों में 63 बीजेपी सांसद (26 प्रतिशत), 32 कांग्रेस सांसद (32 प्रतिशत) और 17 सपा सांसद (46 प्रतिशत) शामिल हैं. अन्य दलों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सात (24 प्रतिशत), डीएमके के छह (27 प्रतिशत), टीडीपी के पांच (31 प्रतिशत) और शिवसेना के चार (57 प्रतिशत) सांसद गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. ADR की इस रिपोर्ट ने एक बार फिर राजनीति में आपराधिकरण की गंभीरता को सामने ला दिया है. हर चुनाव के साथ संसद में अपराध के आरोप झेलने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंताजनक संकेत है.
ये भी पढ़ेंः श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे गिरफ्तार, सरकारी धन का किया था दुरुपयोग; जानें मामला
