CJI BR Gavai : सुप्रीम कोर्ट में हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां पर एक वकील ने एक केस में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया गवई के ऊपर जूता फेंककर मारने की कोशिश की.
CJI BR Gavai : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई के सामने सोमवार को एक वकील ने भारी हंगामा कर दिया. आरोप लगा है कि वकील ने CJI पर जूता फेंकने की कोशिश की. लेकिन मौके पर सुरक्षाकर्मियों ने पहुंचकर उसको रोक लिया. हालांकि, पुलिस ने वकील को हिरासत में ले लिया है और इस बीच CJI गवई घटना के वक्त अपनी सीट पर बने रहे. CJI ने कहा कि इन चीजों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं, अदालत में सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाली वकील को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष संस्था पर वैचारिक हमला है और सीजेआई के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी है.
कोर्ट में CJI ने वकीलों से सुनवाई जारी रखने को कहा
बताया जा रहा है कि वकील पहले डेस्क के पास गया और उसके बाद जूता फेंकने की कोशिश की, लेकिन वहां पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने दखल दिया. इसके बाद सिक्युरिटी गार्ड वकील को कोर्ट रूम से बाहर लेकर चले गए और इस दौरान वकील से कहते हुए सुना गया कि सनातन का अपमान नहीं सहेंगे. आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर बताया जा रहा है और उसका सुप्रीम कोर्ट में उसका रजिस्ट्रेशन 2011 में कराया था. हालांकि, इस घटना से प्रभावित नहीं हुए और वह कोर्ट में अपनी यथास्थिति को बनाए रहे. इसके साथ उन्होंने वकीलों से कहा कि किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है और उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान मत दें. इसी बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और सुप्रीम कोर्ट परिसर में फिलहाल सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.
सुरक्षाकर्मियों ने वकील को हिरासत में लिया
एक अन्य वकील के मुताबिक, जिस वकील ने चीफ जस्टिस पर हमला करने की कोशिश की उसने CJI की तरफ कोई वस्तु फेंकी. वह चीज जस्टिस विनोद चंद्रन को लगने से बच गई. इसके बाद हमलवार वकील ने जस्टिस चंद्रन से माफी मांगी और कहा कि मेरा निशाना सिर्फ CJI थे. उसके कुछ सेकेंड के बाद ही सुरक्षाकर्मियों ने वकील को पकड़ लिया और वह उसको कोर्ट रूम से बाहर लेकर चले गए. इस घटना के बाद वकीलों के संगठन ने घटना की निंदा की है. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन रिकॉर्ड (AoR) एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से इस घटना पर स्वत: संज्ञान लेने और उस वकील के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की मांग की है.
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