IPS officer suicide case: पूरन कुमार के परिवार ने अपनी मांगें पूरी होने तक पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दी है. हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया है.
IPS officer suicide case: हरियाणा के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में दर्ज FIR में पुलिस ने धाराएं जोड़ दी हैं. उनकी पत्नी ने एससी/एसटी एक्ट के संबंधित प्रावधानों को जोड़ने की अपील की थी. अन्य बातों के अलावा वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार ने पहले पुलिस को लिखा था कि FIR में SC/ST एक्ट की कमज़ोर धाराओं में संशोधन किया जाना चाहिए और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (2) (v) ही इस मामले में लागू होने वाली उपयुक्त धारा है. मामले में छह सदस्यीय विशेष जांच दल का नेतृत्व कर रहे चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार ने रविवार को फोन पर संपर्क करने पर पुष्टि की कि FIR में अधिनियम की धारा 3 (2) (वी) लगाई गई है. पूरन कुमार के परिवार ने अभी तक अपनी मांगें पूरी होने तक पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दी है.
अधिकारियों ने की पत्नी से मुलाकात
हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया है. वह उन पुलिसकर्मियों में से एक थे जिनके खिलाफ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए कार्रवाई की मांग कर रही थीं. शनिवार को आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया. अमनीत ने एसएसपी कंवरदीप कौर को लिखे पत्र में FIR में आरोपियों के नाम दर्ज करने की मांग की और विशेष रूप से हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया का उल्लेख किया. शनिवार को हरियाणा के मंत्री कृष्ण लाल पंवार, कृष्ण कुमार बेदी, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और सीएम के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात की.
छह सदस्यीय SIT कर रही जांच
उधर, शहीद वाई पूरन सिंह न्याय संघर्ष मोर्चा ने रविवार को चंडीगढ़ में एक महापंचायत की घोषणा की है. 2001 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी वाई पूरन कुमार (52) द्वारा मंगलवार को अपने आवास पर खुद को गोली मारने के बाद छोड़े गए एक अंतिम नोट में मृतक अधिकारी ने आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम लिए हैं, जिनमें हरियाणा के डीजीपी कपूर और रोहतक के तत्कालीन एसपी बिजारनिया पर उन्हें परेशान करने और बदनाम करने का आरोप लगाया गया है. मृतक अधिकारी ने कुछ अन्य अधिकारियों द्वारा जाति-आधारित भेदभाव सहित कथित उत्पीड़न का भी विवरण दिया है. अमनीत ने आरोप लगाया कि उनके पति की मौत उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा सुनियोजित उत्पीड़न का नतीजा थी. चंडीगढ़ पुलिस ने शुक्रवार को आईजी पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय SIT का गठन किया ताकि अधिकारी की मौत की समयबद्ध तरीके से शीघ्र, निष्पक्ष और गहन जांच की जा सके.
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