Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग में बड़े बदलाव को मंजूरी दे दी है.
Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग में बड़े बदलाव को मंजूरी दे दी है. जिसमें PWD अधिकारियों की वित्तीय शक्तियों में पांच गुना वृद्धि और इंजीनियरों की सेवा संरचना में व्यापक संशोधन को मंजूरी दी गई है. शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि तीन दशकों में इस तरह के पहले सुधार को चिह्नित करते हुए इस कदम का उद्देश्य अधिकारियों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करना, उच्च-स्तरीय अनुमोदन पर निर्भरता कम करना और निविदा, अनुबंध और परियोजना निष्पादन जैसी प्रक्रियाओं में तेजी लाना है. PWD की समीक्षा बैठक में यह नोट किया गया कि वित्तीय शक्तियों को अंतिम बार 1995 में संशोधित किया गया था, जबकि लागत मुद्रास्फीति सूचकांक के अनुसार तब से निर्माण लागत 5.5 गुना बढ़ गई है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रशासनिक दक्षता में सुधार, समय पर परियोजना निष्पादन सुनिश्चित करने और वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने के लिए संशोधन आवश्यक था.
नियमावली 1990 में हुआ प्रमुख संशोधन
नई व्यवस्था के तहत मुख्य अभियंता (CE) अब 2 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 करोड़ रुपये तक के कार्यों को मंजूरी दे सकते हैं. इसके अलावा अधीक्षण अभियंता (SE) 1 करोड़ रुपये से बढ़कर 5 करोड़ रुपये तक और अधिशासी अभियंता 40 लाख रुपये से बढ़कर 2 करोड़ रुपये तक के कार्यों को मंजूरी दे सकते हैं. सहायक अभियंताओं को भी निविदाओं और छोटे कार्यों को मंजूरी देने के लिए सीमित अधिकार प्राप्त होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार परियोजनाओं में तेजी लाएगा, अनुमोदन में देरी को कम करेगा और अधिक प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा. बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (पीडब्ल्यूडी) (उच्च) नियमावली, 1990 में प्रमुख संशोधनों को भी मंजूरी दी गई, जिससे विद्युत और यांत्रिक संवर्ग का पुनर्गठन किया गया. मुख्य अभियंता (स्तर-1) का एक नया पद सृजित किया गया है, जबकि मुख्य अभियंता (स्तर-2) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में वृद्धि की गई है. संशोधित नियम स्पष्ट रूप से पदोन्नति प्रक्रिया, वेतनमान और सेवा शर्तों को परिभाषित करते हैं, जिससे कैडर संरचना अधिक पारदर्शी और संगठित हो जाती है.
विकास में PWD की भूमिका महत्वपूर्ण
मुख्य अभियंता (स्तर -1) के पद पर पदोन्नति अब स्तर -2 से वरिष्ठता के आधार पर होगी, साथ ही स्तर -2 और अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति के लिए अद्यतन प्रक्रियाओं को भी परिभाषित किया गया है. सातवें वेतन आयोग के अनुरूप कार्यकारी अभियंता से मुख्य अभियंता (स्तर -1) तक संशोधित वेतन मैट्रिक्स लागू किए गए हैं. जबकि चयन समिति की संरचना को निष्पक्षता और योग्यता आधारित प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अद्यतन किया गया है. सीएम आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि चूंकि पीडब्ल्यूडी राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए समय पर और पारदर्शी सेवा नियम और योग्यता आधारित पदोन्नति प्रणाली दक्षता, तकनीकी गुणवत्ता और विभाग की सेवा भावना को बढ़ाने के लिए आवश्यक है.
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