Home Top News महिला नेतृत्व वाला समाज अधिक मानवीय और कुशल, विकसित भारत के लिए भागीदारी जरूरीः मुर्मू

महिला नेतृत्व वाला समाज अधिक मानवीय और कुशल, विकसित भारत के लिए भागीदारी जरूरीः मुर्मू

by Sanjay Kumar Srivastava
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President Murmu

President Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि देश को 2047 तक विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के लिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है.

President Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि देश को 2047 तक विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के लिए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है. मुर्मू ने कोच्चि के सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में बोलते हुए कहा कि महिला नेताओं के नेतृत्व वाला समाज अधिक मानवीय होने के साथ-साथ अधिक कुशल भी होता है. राष्ट्रपति ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के प्रमुख स्तंभों में से एक 70 प्रतिशत महिला कार्यबल भागीदारी तक पहुंचना है. विभिन्न सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों की महिलाएं भारत की प्रगति को आगे बढ़ा रही हैं. मुर्मू ने कहा कि तीनों महिलाओं अम्मू स्वामीनाथन, एनी मस्कारेने और दक्षायनी वेलायुधन ने मौलिक अधिकारों, सामाजिक न्याय और लैंगिक समानता के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श को प्रभावित किया था.

फातिमा बीवी ने रचा इतिहास

उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि भारत में महिलाएं राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में प्रमुख ज़िम्मेदारियां निभा रही हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि इनमें केरल की महिलाओं ने उत्कृष्टता के उल्लेखनीय उदाहरण स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा कि भारत में उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली पहली महिला न्यायमूर्ति अन्ना चांडी थीं. न्यायमूर्ति एम. फातिमा बीवी ने 1989 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनकर इतिहास रच दिया. मुर्मू ने कहा कि सेंट टेरेसा कॉलेज की छात्राएं युवा, संपन्न और जीवंत भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने कहा कि इस कॉलेज के पूर्व छात्र देश के विकास में अपने योगदान के माध्यम से सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कॉलेज की सामुदायिक पहलों की भी प्रशंसा की और कहा कि वे दूसरों की मदद करने की भावना को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि कॉलेज वंचितों की सेवा करने और एक साधारण जीवन शैली बनाए रखने में विश्वास करता है.

निस्वार्थ भाव से काम कर रहे छात्रों की सराहना

कहा कि बाढ़ राहत शिविरों में निस्वार्थ भाव से काम कर रहे कॉलेज के छात्रों के बारे में जानना वाकई दिल को छू लेने वाला है. उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कॉलेज ने SLATE नामक एक परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से स्थिरता और नेतृत्व को बढ़ावा देना है. इस परियोजना को शुरू करके कॉलेज ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है. युवाओं को सतत विकास लक्ष्यों के तहत भारत के लक्ष्यों से जोड़ना और उन्हें भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करना इस परियोजना के वास्तव में प्रशंसनीय उद्देश्य हैं. उन्होंने छात्रों से स्पष्टता और साहस के साथ जीवन के विकल्प चुनने और ऐसे रास्ते पर चलने का आग्रह किया जो उन्हें अपने जुनून और क्षमताओं को व्यक्त करने की अनुमति दें. उन्होंने कहा कि महिला नेताओं के नेतृत्व वाला समाज अधिक मानवीय होने के साथ-साथ अधिक कुशल भी होता है.

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