Facebook-Reliance Deal: टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत भी किसी से पीछे नहीं है. अब मुकेश अंबानी की रिलायंस और फेसबुक के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बड़ी डील हुई है.
25 October, 2025
Facebook-Reliance Deal: टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत का एक और बड़ा धमाका हुआ है. दरअसल, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज और फेसबुक (Meta Platforms Inc.) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर हाथ मिलाया है. इस पार्टनरशिप में फेसबुक की सब्सिडयरी कंपनी Facebook Overseas, रिलायंस के नए AI वेंचर में 30 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखेगी. वहीं, रिलायंस के पास बाकी 70 प्रतिशत हिस्सा होगा.
कंपनियों के बीच बड़ी डील
दोनों कंपनियां मिलकर इस वेंचर में 855 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट कर रही हैं. ये नई कंपनी रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (Reliance Enterprise Intelligence Limited) यानी REIL के नाम से एस्टेब्लिश की गई है, जो एंटरप्राइज AI डेवलपमेंट ऑफ सर्विसेस, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन करेगी.
AI में बड़ी छलांग
रिलायंस ने अपने फाइलिंग में बताया कि ये नई कंपनी 24 अक्टूबर, 2025 को स्थापित की गई है. इस पॉर्टनरशिप का मोटिव भारत में AI बेस्ड बिजनेस सॉल्यूशंस को अगले लेवल पर ले जाना है. माना जा रहा है कि ये वेंचर न सिर्फ भारत में बल्कि ग्लोबल टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में भी बड़ा बदलाव लाएगा. वैसे भी AI अब सिर्फ चैटबॉट्स या ऑटोमेशन तक ही सीमित नहीं रहा है. अब ये हेल्थकेयर, रिटेल, एजुकेशन और एनर्जी जैसे सेक्टरों में भी अपनी जगह बना रहा है. ऐसे में रिलायंस और फेसबुक की ये डील भारत को डिजिटल फ्यूचर की दिशा में और तेज़ी से आगे बढ़ाने का काम करेगी.
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अंबानी और जुकरबर्ग
ये पहली बार नहीं है जब रिलायंस और फेसबुक साथ काम कर रहे हैं. साल 2020 में फेसबुक ने रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स में भी इन्वेस्ट किया था. उस समय ये भारत की सबसे बड़ी टेक डील्स में से एक थी. अब ये नई पार्टनरशिप दिखाती है कि दोनों दिग्गज कंपनियां भारत के AI इकोसिस्टम पर लंबी पारी खेलने के मूड में हैं. नई कंपनी में फेसबुक का 30 प्रतिशत हिस्सा होना ये साबित करता है कि, मार्क जुकरबर्ग भारत को AI के लिए एक रणनीतिक मार्केट के रूप में देख रहे हैं. वहीं, रिलायंस, अपने डेटा और डिजिटल नेटवर्क के दम पर, इसे बड़े लेवल पर स्केल करने की पावर रखती है.
क्या करेगी नई कंपनी?
रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड का फोकस कंपनियों को स्मार्ट बिजनेस सॉल्यूशंस देने पर रहेगा. इसका मतलब है कि, ये AI के ज़रिए डेटा एनालिसिस, ऑटोमेशन और कस्टमर एंगेजमेंट में मदद करेगी. वैसे, सरकार या किसी रेगुलेटरी संस्था की मंजूरी के बिना ही ये कंपनी स्थापित की गई है, जिससे पता चलता है कि दोनों कंपनियां इस प्रोजेक्ट को लेकर तेजी से आगे बढ़ना चाहती हैं. कहा जा सकता है कि भारत में डिजिटल क्रांति के बाद अब ये पार्टनरशिप AI क्रांति की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है. देखना होगा कि, रिलायंस और फेसबुक की ये जोड़ी भारत के AI फ्यूचर को कैसे शेप देती है.
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