Karnataka News : कर्नाटक में खानाबदोश समुदाय संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से मांग की कि उन्हें मुख्यधारा में जोड़ने के लिए रिजर्वेशन दिया जाए. इस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा.
Karnataka News : देश में खानाबदोश समुदाय के लोगों को रोजगार और अन्य अधिकारों को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसमें मुख्य रूप से मजदूर आता है जो रोजगार की तलाश में कहीं भी चले जाता है. कई दफा सरकार इनकी अनदेखी भी करती है और इनको सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है. इसी बीच कर्नाटक में इस समुदाय को आरक्षण देने की मांग उठ पड़ी है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) ने गुरुवार को खानाबदोश समुदाय के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि एक फीसदी रिजर्वेशन देने की मांग की जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर उचित कदम भी उठाए जाएंगे.
सरकार जरूर करेगी प्रस्ताव पर विचार
खानाबदोश समुदाय संघ के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधान सौध में मुख्यमंत्री से मुलाकात की और आंतरिक आरक्षण की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा. इस प्रस्ताव पर सीएम सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया देते हुए आश्वासन दिया कि सरकार की उनकी चिंताओं पर गंभीरता से विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार खानाबदोश समुदाय के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस बात पर जरूर विचार करेगी कि उन्हें एक फीसदी रिजर्वेशन कैसे दिया जा सके. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के उत्थान के लिए SCP/TSP (अनुसूचित जाति योजना/जनजाति उप-योजना) कार्यक्रम लागू किए हैं.
सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति नागमोहन दास ने की मांग
सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि जो भी समुदाय मुख्यधारा से बाहर से उसको न्याय जरूर मिले. सरकार कभी भी किसी एक जाति को दूसरी जाति में मिलाकर अन्याय करने का इरादा नहीं रखती है. अगर किसी दूसरे विकल्पों पर विचार किया जा सकता है तो सरकार सुनिश्चित करेगी कि न्याय जरूर मिले. उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने आंतरिक रिजर्वेशन दिलाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं और अब उत्पन्न हुई नई समस्याओं के समाधान के लिए प्राथमिकताओं के आधार पर प्रतिबद्ध है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति नागमोहन दास की सिफारिशों के अनुरूप खानाबदोश समुदायों के लिए एक प्रतिशत आरक्षण को अलग से प्राथमिकता देने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि इस समुदाय के लिए एक अलग निगम के गठन और एक विशेष आर्थिक पैकेज की भी मांग की.
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