Pune land deal: सीएम फडणवीस ने प्राथमिकी में पार्थ का नाम न होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हस्ताक्षरकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
Pune land deal: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा अपने बेटे पार्थ की कंपनी द्वारा पुणे में खरीदे गए भूमि के सौदे को रद्द करने की घोषणा के बाद अधिकारियों ने कहा कि कंपनी को लेनदेन रद्द कराने के लिए दोगुनी स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी. ये शुल्क 42 करोड़ रुपये है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि पुणे भूमि सौदा मामले में कार्रवाई कानून के अनुसार की जा रही है. किसी को बचाने का सवाल ही नहीं है. फडणवीस ने प्राथमिकी में पार्थ का नाम न होने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हस्ताक्षरकर्ताओं और विक्रेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच में दोषी पाए जाने वालों पर मामला दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो लोग यह भी नहीं समझते कि प्राथमिकी क्या होती है, वे ही निराधार आरोप लगा रहे हैं. जब कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो वह इसमें शामिल स्पष्ट पक्षों के खिलाफ दर्ज की जाती है. इस मामले में कंपनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
शरद पवार ने किया जांच का समर्थन
एनसीपी (सपा) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वह अपने पोते पार्थ की कंपनी से जुड़े विवादास्पद भूमि सौदे की जांच का समर्थन करते हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मांग की कि राज्य सरकार पुणे और मुंबई में भूमि लेनदेन पर एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करे और राज्य विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर पूरे दिन की चर्चा आयोजित करे. एक अधिकारी ने कहा कि पंजीकरण और स्टाम्प विभाग ने पार्थ पवार के चचेरे भाई और अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी के एक भागीदार दिग्विजय अमरसिंह पाटिल को सूचित किया है कि फर्म को पहले के 7 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क (महाराष्ट्र स्टाम्प अधिनियम के तहत 5 प्रतिशत, 1 प्रतिशत स्थानीय निकाय कर और 1 प्रतिशत मेट्रो उपकर) का भुगतान करना होगा. क्योंकि इसने जमीन पर एक डेटा सेंटर प्रस्तावित होने का दावा करके छूट मांगी थी. अधिकारी ने कहा कि कंपनी को रद्दीकरण विलेख को निष्पादित करने के लिए अतिरिक्त 7 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क भी देना होगा.
40 एकड़ सरकारी भूमि भी जांच के दायरे में
उन्होंने कहा कि फर्म ने बिक्री विलेख (sale deed) के समय यह कहते हुए स्टांप शुल्क में छूट का दावा किया था कि जमीन पर एक डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा. हालांकि, रद्दीकरण विलेख से पता चलता है कि योजना को छोड़ दिया गया है. गुरुवार को अमाडिया एंटरप्राइजेज को पॉश मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि का sale deed आवश्यक मंजूरी के अभाव में जांच के दायरे में आ गया. विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि इसका बाजार मूल्य 1,800 करोड़ रुपये था. महानिरीक्षक रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर पिंपरी चिंचवाड़ पुलिस ने दिग्विजय पाटिल, शीतल तेजवानी (जिन्होंने पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से भूमि के 272 ‘मालिकों’ का प्रतिनिधित्व किया) और उप-पंजीयक आर बी तारू के खिलाफ गबन और धोखाधड़ी के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की. अजित पवार ने शुक्रवार को दावा किया कि पार्थ को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनकी फर्म द्वारा खरीदी गई जमीन सरकार की है.
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