Jamia Millia Islamia: बटला हाउस मुठभेड़ की बरसी पर प्रदर्शन करने पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने परिसर में छात्र के प्रवेश पर रोक लगा दिया है.
Jamia Millia Islamia: बटला हाउस मुठभेड़ की बरसी पर प्रदर्शन करने पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने परिसर में छात्र के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एक पीएचडी स्कॉलर पर उसके शोध की शेष अवधि के लिए परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. जामिया के अधिकारियों ने बताया कि बटला हाउस मुठभेड़ की बरसी मनाने के लिए छात्रों ने मार्च का आयोजन किया था. चीफ प्रॉक्टर द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि आइसा से संबद्ध छात्र सौरभ त्रिपाठी को परिसर में प्रवेश करने पर रोक लगा दिया गया है. 20 नवंबर के आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति ने त्रिपाठी के खिलाफ तीन मामलों की जांच की. पहला 7 मई को सेमेस्टर परीक्षा में बाधा डालने और उपद्रव करने, दूसरा 13 अगस्त को विश्वविद्यालय परिसर के शांतिपूर्ण शैक्षणिक और शोध वातावरण को बाधित करने और तीसरा 19 सितंबर को बटला हाउस एनकाउंटर की याद में अनावश्यक रूप से सभा और मार्च आयोजित करना था.
अनुशासन समिति ने छात्र को माना दोषी
अनुशासन समिति ने माना कि मार्च का आयोजन करके छात्र ने विश्वविद्यालय के छात्रों, कर्मचारियों और संपत्ति की सुरक्षा को खतरे में डालने का काम किया. आदेश में कहा गया है कि सीसीटीवी फुटेज सहित सबूतों की समीक्षा के बाद समिति ने छात्र को दोषी पाया. हालांकि, अनुशासन समिति ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोध छात्र के रूप में विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण प्रयास उसमें निवेशित हैं. छात्र त्रिपाठी के निष्कासन को नरम रुख अपनाते हुए टाला गया. इसके बजाए समिति ने परिसर में सख्त प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें कहा गया कि जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर केवल पूर्व नियुक्ति वाले प्रॉक्टर कार्यालय को छोड़कर पीएचडी की शेष अवधि के लिए सभी उद्देश्यों के लिए उसके लिए वर्जित रहेगा.
पूरे छात्र समुदाय पर हमलाः आइसा
आदेश में छात्र को 10 दिनों के भीतर भविष्य में अच्छे आचरण का बांड जमा करने का निर्देश दिया गया है और स्पष्ट किया गया है कि आगे कोई भी उल्लंघन करने पर पीएचडी प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा. अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) ने इस कार्रवाई की निंदा की. संगठन ने कहा कि घटनाएं शांतिपूर्ण विरोध थीं. आरोप लगाया कि प्रशासन ने त्रिपाठी को दंडित किया है. संगठन ने प्रतिबंध को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि यह पूरे छात्र समुदाय की असहमति पर हमला है. त्रिपाठी ने पीटीआई से कहा कि यह एक पीएचडी स्कॉलर के साथ अन्याय है. मैं इसके खिलाफ अदालत जाऊंगा. 19 सितंबर को बटला हाउस मुठभेड़ की 17वीं बरसी के अवसर पर आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कई छात्रों को हिरासत में लिया गया था, जहां आइसा ने 2008 की घटना की न्यायिक जांच की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग दोहराई थी.
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