Odisha Assembly: ओडिशा विधानसभा में शनिवार को जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई. विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया.
Odisha Assembly: ओडिशा विधानसभा में शनिवार को जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई. विपक्षी बीजद और कांग्रेस के सदस्यों ने गरीब लोगों के आठ लाख से अधिक राशन कार्ड रद्द किए जाने के विरोध में ओडिशा विधानसभा का बहिष्कार किया. बीजद की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक द्वारा पेश किए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर बहस के दौरान विधानसभा में यह मुद्दा उठाया गया, जिसके बाद विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस हुई. खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री केसी पात्रा ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि राज्य ने अब तक ई-केवाईसी सत्यापन के माध्यम से 8,16,056 राशन कार्ड रद्द किए हैं. उन्होंने कहा कि रद्द किए गए कुल कार्डों में से 6,95,530 कार्ड मृतकों के थे, 75,030 सरकारी कर्मचारियों के थे और 45,496 आयकरदाताओं के थे. कहा कि अयोग्य कार्डों को रद्द करने में क्या गलत है? उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य को एक वर्ष में 210 करोड़ रुपये की बचत हुई है.
भाजपा पर गरीब विरोधी रवैया अपनाने का आरोप
मंत्री ने सदन को सूचित किया कि सरकार ने नए राशन कार्ड जारी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 13.5 लाख नए लाभार्थियों और शहरी क्षेत्रों में 1.5 लाख की पहचान करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आय सीमा को संशोधित कर 15,000 रुपये प्रति माह और शहरी क्षेत्रों में 20,000 रुपये कर दिया गया है, जो पहले 10,000 रुपये और 15,000 रुपये थी. डोर-टू-डोर सर्वेक्षण वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करेगा, जबकि लक्जरी घरों या महंगी कारों का स्वामित्व रद्दीकरण का आधार हो सकता है. बहस की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ बीजद सदस्य रणेंद्र प्रताप स्वैन ने भाजपा सरकार पर गरीब विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रशासन ने सर्वेक्षण या ई-केवाईसी की आड़ में वास्तविक लाभार्थियों को हटा दिया है. स्वैन ने बताया कि जिला कलेक्टरों को पत्र भेजे गए थे, जिसमें उन्हें निर्देश दिया गया था कि यदि लाभार्थियों ने छह महीने तक चावल नहीं उठाया है, एक हेक्टेयर से अधिक भूमि का मालिक है, या 1.2 लाख रुपये वार्षिक से अधिक कमाते हैं, तो कार्ड रद्द कर दें.
खाद्य सुरक्षा से किसानों को किया जा रहा वंचित
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने किसानों को कृत्रिम रूप से अमीर करार दिया है, जिससे उन्हें खाद्य सुरक्षा लाभ से वंचित किया जा रहा है. बीजद विधायक देवी रंजन त्रिपाठी ने राशन कार्ड देने से इनकार करने के लिए भूमि स्वामित्व मानदंड का उपयोग करने के लिए सरकार की आलोचना की, जबकि कांग्रेस सदस्य अशोक दास और सी एस राजन एक्का ने कहा कि गरीब लोग रद्द होने के डर में जी रहे हैं. त्रिपाठी ने पूछा कि क्या सिर्फ 1 हेक्टेयर जमीन वाले किसान को पीडीएस से इनकार करना उचित है? भाजपा विधायक आश्रित पटनायक, अमर नायक और प्रताप चंद्र नायक ने अपात्र और संपन्न व्यक्तियों के राशन कार्ड रद्द करने के राज्य सरकार के कृत्य का पुरजोर बचाव किया. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बीजद सरकार ने न केवल हजारों लोगों के राशन कार्ड रद्द किए थे, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया था. भाजपा सदस्य पद्म लोचन पांडा ने कहा कि बीजद सरकार के दौरान धोखाधड़ी से राशन कार्ड हासिल करने के आरोप में कुछ लोगों को जेल भी भेजा गया था.
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