Home राज्यJammu Kashmir कौन थी रूबिया सईद? सरकार को छोड़ने पड़े थे 5 आतंकवादी, 35 साल बाद आरोपी को श्रीनगर से दबोचा

कौन थी रूबिया सईद? सरकार को छोड़ने पड़े थे 5 आतंकवादी, 35 साल बाद आरोपी को श्रीनगर से दबोचा

by Sanjay Kumar Srivastava
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Shafaat Shanglu

Rubia Sayeed kidnapping case: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रूबिया सईद अपहरणकांड के आरोपी को 35 साल बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. उस पर 10 लाख का इनाम था.

Rubia Sayeed kidnapping case: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रूबिया सईद अपहरणकांड के आरोपी को 35 साल बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. उस पर 10 लाख का इनाम था. वह जेकेएलएफ (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक का करीबी है. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के 35 साल पुराने मामले में सीबीआई (CBI) ने एक आरोपी शफात अहमद शांगलू को सोमवार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. शफात पर अपहरण की साजिश में शामिल होने का आरोप है. वह श्रीनगर के इशबर निशात इलाके का रहने वाला है. शफात प्रतिबंधित आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक का करीबी और भरोसेमंद है. सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर शफात को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद CBI ने मंगलवार को जम्मू की टाडा अदालत में रूबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में गिरफ्तार शफात अहमद शांगलू की हिरासत मांगी.

शांगलू पर था 10 लाख का इनाम

शांगलू पर 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के सनसनीखेज अपहरण मामले में 10 लाख रुपये का इनाम था. उस पर प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सदस्यों द्वारा रची गई साजिश में शामिल होने का आरोप था. CBI के वकील एस के भट ने कहा कि उसे विशेष टाडा अदालत में पेश किया गया है. हमने आरोपी की हिरासत मांगी है. उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश का इंतज़ार है. सीबीआई ने कहा कि शांगलू ने 1989 में मलिक और अन्य के साथ साजिश रची थी. सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा कि भगोड़े पर 10 लाख रुपये का इनाम था. अधिकारियों ने बताया कि शांगलू जेकेएलएफ का पदाधिकारी था और इसके वित्तीय मामलों को संभालता था.

रूबिया को 8 दिसंबर 1989 को किया गया था अगवा

अधिकारियों ने बताया कि आतंकी फंडिंग के एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे मलिक को गृह मंत्रालय के एक आदेश के कारण अदालत में पेश नहीं किया जा रहा है, जिसमें उसकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. अदालती सुनवाई के दौरान रूबिया सईद ने मलिक के अलावा चार अन्य आरोपियों की पहचान अपराध में शामिल होने के रूप में की थी. रूबिया को 8 दिसंबर 1989 को श्रीनगर के लाल देद अस्पताल के पास से अगवा किया गया था. पांच दिन बाद तत्कालीन वीपी सिंह सरकार द्वारा बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा करने के बाद रूबिया को छोड़ दिया गया था. अब तमिलनाडु में रह रही रूबिया सईद को सीबीआई ने अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप रखा है. 56 वर्षीय मलिक को पिछले साल मई में एक विशेष NIA अदालत ने सजा सुनाई थी. मलिक को NIA द्वारा दर्ज 2017 के आतंकी-वित्तपोषण मामले में 2019 में गिरफ्तार किया गया था. एक विशेष टाडा अदालत पहले ही अपहरण मामले में मलिक और नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय कर चुकी है.

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