Calcutta High Court: कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि 32,000 प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की नौकरियां बनी रहेंगी.
Calcutta High Court: पश्चिम बंगाल में प्राथमिक स्कूल शिक्षकों को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि 32,000 प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की नौकरियां बनी रहेंगी. कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ के फैसले को न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने पलट दिया. कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार को एकल पीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल में 32,000 प्राथमिक स्कूल शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था. इन शिक्षकों की भर्ती 2014 की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के माध्यम से की गई थी. न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि सभी भर्तियों में अनियमितताएं साबित नहीं हुई हैं.
सभी भर्तियों में अनियमितताएं साबित नहीं
न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायमूर्ति रीताब्रत कुमार मित्रा की पीठ ने कहा कि वह एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखने के पक्ष में नहीं है क्योंकि सभी भर्तियों में अनियमितताएं साबित नहीं हुई हैं. न्यायालय ने कहा कि नौ साल बाद नौकरी समाप्त करने से प्राथमिक शिक्षकों और उनके परिवारों पर भारी प्रभाव पड़ेगा और निर्दोष शिक्षकों को भी भारी अपमान और कलंक का सामना करना पड़ेगा. पीठ ने आगे कहा कि नियुक्तियों की सेवाएं केवल चल रही आपराधिक कार्यवाही के आधार पर समाप्त नहीं की जा सकतीं. इस फैसले से सेवारत शिक्षकों को खुशी और राहत मिली है, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में बड़े पैमाने पर भर्ती भ्रष्टाचार के आधार पर एसएलएसटी 2016 पैनल से लगभग 26,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को समाप्त करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उच्च न्यायालय के फैसले का बेसब्री से इंतजार किया था.
ममता बनर्जी ने फैसले का किया स्वागत
इस फैसले को सत्य की जीत बताते हुए शिक्षकों ने अदालत के प्रति आभार व्यक्त किया कि उसने पिछले ढाई सालों से उन पर लगे कलंक को धो दिया और उन्हें सिर ऊंचा करके सेवा जारी रखने की अनुमति दी. आगामी राज्य चुनावों से बमुश्किल कुछ महीने पहले सुनाया गया यह फैसला स्पष्ट रूप से टीएमसी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार के लिए एक बड़ी राहत है, जो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की धारणाओं से जूझ रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले को हजारों परिवारों के लिए मानवीय राहत बताया. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि इस फैसले ने साबित कर दिया है कि हमारी मुख्यमंत्री हमेशा हमारे शिक्षकों के साथ खड़ी रही हैं और आगे भी खड़ी रहेंगी.
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