Home Religious पितरों को खुश करने के लिए पौष अमावस्या के दिन करें दान-पुण्य, जान लें सही तारीख और विधि

पितरों को खुश करने के लिए पौष अमावस्या के दिन करें दान-पुण्य, जान लें सही तारीख और विधि

by Live Times
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Paush Amavasya Significance

Paush Amavasya Significance: पौष महीने की अमावस्या का बहुत खास होती है. यहां आपको अमावस्या की तारीख, महत्व और पूजा विधि के बारे में बताया गया है.

16 December, 2025

Paush Amavasya Significance: हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व होता है. हर महीने में एक अमावस्या आती है. पौष महीने की अमावस्या बहुत खास होती है. पौष अमावस्या पितरो को समर्पित होती है. इस दिन विधि विधान दान-पुण्य और तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं. अमावस्या के दिन पितरो को तर्पण यानी जल देना चाहिए. बहुत लोगों को अमावस्या की विधि और महत्व की जानकारी नहीं होती. यहां आपको अमावस्या की तारीख, महत्व और पूजा विधि के बारे में बताया गया है.

कब है पौष अमावस्या

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष महीने की अमावस्या शुक्रवार, 19 दिसंबर को सुबह 4:59 बजे शुरू होगी और 20 दिसंबर को सुबह 7:12 बजे समाप्त होगी. ज्योतिषीय नियमों के अनुसार, अमावस्या का व्रत और पूजा उस दिन की जाती है जब सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि हो. इसके अनुसार, साल की आखिरी अमावस्या, यानी पौष अमावस्या के मुख्य अनुष्ठान 19 दिसंबर 2025 को करना शुभ माना जाता है.

पौष अमावस्या का महत्व

पौष अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व है. यह दिन शांति पाने और पूर्वजों की पूजा करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण और ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ दोष दूर होता है. ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में होते हैं, जिससे देवता और पूर्वज दोनों प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा, जिन लोगों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन्हें इस दिन विशेष पूजा करनी चाहिए, जिससे दोष का प्रभाव कम होता है.

ऐसे करें स्नान-दान

पौष अमावस्या पर, सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करना सबसे अच्छा माना जाता है या घर पर नहाने के पानी में गंगाजल मिलाया जा सकता है. स्नान के बाद, तांबे के बर्तन से सूर्य देव को जल चढ़ाएं और दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पूर्वजों के लिए तर्पण करने का संकल्प लें. अपने गोत्र और नाम का जाप करते हुए, तिल, कुशा घास और जल के साथ तीन बार तर्पण करें. तर्पण करने के लिए अपने दाहिने हाथ के अंगूठे और तर्जनी उंगली के बीच से जल और अन्य साम. शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना और सात बार परिक्रमा करना भी शुभ माना जाता है. पौष महीने की ठंड को देखते हुए, जरूरतमंदों को ऊनी कपड़े या कंबल दान करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है. इसके अलावा, गौशाला में चारा या पैसे दान करने से भी बहुत पुण्य मिलता है.

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