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‘युद्ध के मैदान में रूसी सेना आगे बढ़ रही…’ यूक्रेन से जारी संघर्ष के बीच राष्ट्रपति पुतिन का बड़ा दावा

by Sachin Kumar
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Putin Kremlin military goals achieved Ukraine

Russia-Ukraine War : राष्ट्रपति पुतिन ने चार घंटे तक चली अपनी साला प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया कि रूसी सेना ने पूरी तरह से रणनीतिक पहल पर कब्जा कर लिया है और साल के आखिर तक बहुत ज्यादा बढ़त हासिल कर लेगी.

Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन युद्ध के चार साल पूरे होने जा रहे हैं और अभी तक समाप्ति को लेकर दोनों देशों की तरफ से कोई बड़ा दावा नहीं किया गया है. हालांकि, अमेरिका द्वारा शांति प्रस्ताव जरूर दिया गया है लेकिन अभी तक कीव की उस पर सहमति नहीं आई है. इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि अगर उनकी इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनती है तो रूसी सेना युद्ध के मैदान में लगातार बढ़त बनाए रखेगी. इसी कड़ी में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि मास्को की सेना यूक्रेन में युद्ध के मैदान में आगे बढ़ रही है और भरोसा दिलाया कि अगर कीव शांति वार्ता में रूस की शर्तों पर खरा नहीं उतरता है तो क्रेमलिन अपने लक्ष्यों को मिलिट्री के तरीके से हासिल करेगा.

हमारी सेना लगातार आगे बढ़ रही

राष्ट्रपति पुतिन ने 4 घंटे तक चली अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया कि रूसी सेना ने पूरी तरह से रणनीतिक पहल पर कब्जा कर लिया है और साल के आखिर तक बहुत ज्यादा बढ़त हासिल कर लेगा. साल 2022 में संघर्ष की शुरुआत होने के बाद यूक्रेन की सेना ने रूस को कीव पर कब्जा करने वाली योजना को विफल कर दिया था, लेकिन संघर्ष जल्द ही लंबा और थका देने वाले के रूप में बदल गया. पुतिन ने यह भी दावा किया कि हमारी संपर्क में आने वाली सीमा पर हमारी सेना लगातार आगे बढ़ रही है, बस कुछ इलाकों में तेजी से और कुछ में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है. लेकिन यह कंफर्म है कि दुश्मन सभी सेक्टरों में पीछे हटता जा रहा है.

शांतिपूर्ण समाधान के लिए तैयार

आपको बताते चलें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन में पेश किए शांति प्लान पर बड़े स्तर पर डिप्लोमैटिक कोशिशों के बावजूद एक बिंदु पर सहमति नहीं बन सकी. इसका मुख्य कारण मास्को और कीव ने प्रस्ताव में संशोधन कर अलग-अलग मांग उठाई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुतिन एक बार फिर से कहा है कि मास्को शांतिपूर्ण समाधान के लिए तैयार है जो संघर्ष के मूल कारणों को संबोधित करेगा, जो एक डील के लिए क्रेमलिन की कड़ी शर्तों को संकेत था. रूसी नेता चाहते हैं कि उनकी सेनाओं द्वारा कब्जे में लिए गए चार मुख्य क्षेत्रों के सभी इलाकों, साथ ही 2014 में गैर-कानूनी तरीके से कब्जे में लिए गए क्रीमिया प्रायद्वीप के रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जाए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि यूक्रेन पूर्वी यूक्रेन के कुछ इलाकों से पीछे हट जाए, जिन पर मास्को की सेनाओं ने अभी तक कब्जा नहीं किया है.

नाटो में शामिल होने की कोशिश को त्याग दें

इसके अलावा संघर्ष के बीच क्रेमलिन ने इस बार जोर दिया है कि यूक्रेन NATO में शामिल होने की अपनी कोशिश को पूरी तरह से त्याग दे. साथ ही चेतावनी दी कि वह सैन्य गठबंधन के सदस्यों के किसी भी सैनिक की तैनाती को स्वीकार नहीं करेगा और उन्हें वैध लक्ष्य मानेगा. पुतिन बार बार इस ओर ध्यान दिलाया है कि यूक्रेन को अपनी सेना का आकार सीमित करना चाहिए और रूसी भाषा को आधिकारिक दर्जा देना चाहिए, ये ऐसी मांगे है जिसको मांगे उन्हें संघर्ष की शुरुआत से की है.

यह भी पढ़ें- ‘चुनावों से पहले रूस ने किया वेबसाइटों पर हमला…’ राष्ट्रपति पुतिन पर डेनमार्क का बड़ा हमला

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