Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है. खिलाड़ियों के सपनों को साकार करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. वे रायपुर में आयोजित संसद खेल महोत्सव: फिट युवा, विकसित भारत के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन युवा पीढ़ी में खेल संस्कृति को मजबूत करते हैं और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं. यह महोत्सव इस वर्ष 29 अगस्त से रायपुर संसदीय क्षेत्र के 36 विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया था. उन्होंने बताया कि स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया. इस खेल महोत्सव से कई एथलीट उभरेंगे और वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन करेंगे. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ऐसे आयोजन खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं.
ओलंपिक के लिए चयनित खिलाड़ियों को मिलेंगे 21 लाख रुपये
उन्होंने कहा कि खेलों में पहला, दूसरा या तीसरा स्थान ही सब कुछ नहीं होता, बल्कि अनुशासन, टीम भावना, समर्पण और निरंतर अभ्यास जैसे गुण ही एक महान एथलीट बनाते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार एथलीटों के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है. छत्तीसगढ़ में खेल पुरस्कार समारोह का पुनः आरंभ हो चुका है. ओलंपिक के लिए चयनित राज्य के खिलाड़ियों को 21 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा और वहां स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक जीतने वालों को क्रमशः 3 करोड़ रुपये, 2 करोड़ रुपये और 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी. छत्तीसगढ़ को 2026 में ‘खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स’ की मेजबानी का अधिकार मिलने पर खुशी जताई. उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है. रायपुर का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम देश का तीसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है. साई ने कहा कि नई खेल प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए विभिन्न स्थानों पर खेलो इंडिया कार्यालय स्थापित किए गए हैं. रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ खेल भी जीवन में उतना ही महत्वपूर्ण है.
अनुभवी खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित
इस महोत्सव में 542 गांवों के 85,000 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया, जो पूरे देश में एक रिकॉर्ड भागीदारी है. उन्होंने कहा कि इसमें पारंपरिक और आधुनिक खेलों का एक सुंदर संगम देखने को मिला. गेड़ी प्रतियोगिता में 70 वर्षीय महिलाओं की भागीदारी, कबड्डी, फुगड़ी और वॉलीबॉल जैसे खेलों में उत्साहपूर्ण प्रदर्शन और रस्साकशी में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की भागीदारी ने सामाजिक सद्भाव और समावेश का सशक्त संदेश दिया. अग्रवाल ने कहा कि स्कूल छोड़ चुके युवाओं को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला और अनुभवी खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया. उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में भी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं. समापन समारोह में विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार दिए गए. समूह खेलों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली टीम को 11,000 रुपये का नकद पुरस्कार मिला, जबकि उपविजेता टीम को 5,000 रुपये का पुरस्कार दिया गया. व्यक्तिगत वर्ग में प्रथम स्थान के विजेता को 3,100 रुपये और द्वितीय स्थान के विजेता को 1,000 रुपये का पुरस्कार मिला.
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