Home राष्ट्रीय AstraZeneca की कोविड Vaccine से डरने की नहीं है जरूरत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

AstraZeneca की कोविड Vaccine से डरने की नहीं है जरूरत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

by Pooja Attri
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Covishield Vaccine: हाल ही में WHO ने टीटीएस को गंभीर और जिंदगी के लिए खतरा पैदा करने वाला बताया है. पिछले साल वर्ल्ड हेल्थ बॉडी ने संभावित टीटीएस मामलों के एसेसमेंट और मैनेजमेंट में हेल्थकेयर प्रोवाइडरों की मदद करने के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर टीटीएस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरिम इमरजेंसी गाइडेंस जारी किया था.

01 May, 2024

AstraZeneca vaccine: ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उसकी कोविड वैक्सीन बहुत ही कम मामलों में खून के थक्के जमा सकती है. एस्ट्राजेनेका वैक्सजेव्रिया वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी बनाया था. भारत में इसे ‘कोविशील्ड’ नाम से जाना जाता है. वैक्सीन से जुड़े रेयर साइड इफेक्ट को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम या टीटीएस के साथ थ्रोम्बोसिस भी कहा जाता है. टीटीएस बहुत दुर्लभ मामलों में रक्त के थक्के जमा सकता है और प्लेटलेट की संख्या को घटा सकता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

दिल्ली स्थित सर गंगा राम अस्पताल के संक्रामक रोग विभाग के वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख अतुल गोगिया का कहना है कि वहां उन्होंने थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के दुष्प्रभावों के बारे में बात की है जो कम प्लेटलेट्स की प्रॉबल्म के साथ-साथ थ्रोम्बोटिक घटनाओं का कारण बन रहे हैं जिन्हें उन्होंने स्वीकार किया है और जो शायद ही कभी कुछ रोगियों में देखा गया हो. निश्चित रूप से यदि वे स्वीकार कर रहे हैं तो उन्हें तथ्यों और थ्रोम्बोसिस और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के प्रभावों पर अधिक विस्तार से ध्यान देना चाहिए, जो बताया जा रहा है. यह एक दुर्लभ घटना है जो इन रोगियों के समूह में देखी गई होगी.

सेंट्रर फॉर डिजीज के अनुसार

अमेरिका की एक नेशनल पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट सीडीसी यानी सेंट्रर फॉर डिजीज कंट्रोल ने टीटीएस को दो टियरों में बांटा है. टियर वन के मामलों में उस तरह के रेयर ब्लड क्लॉट होते हैं जैसे कि मस्तिष्क या आंत में पाए जाते हैं. इसे ज्यादा गंभीर माना जाता है और ये ज्यादातर नौजवान में होता है. पैरों और फेफड़ों में जमने वाले थक्कों को टियर टू में रखा गया है. इस बीमारी के लक्षणों में तेज सिरदर्द, पेट दर्द, पैरों में सूजन या दर्द और सांस लेने में दिक्कत शामिल है.

हार्ट स्पेशलिस्ट के मुताबिक

हार्ट डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ. मनोज के अनुसार, इसका इलाज करने का अच्छा तरीका आपके प्लेटलेट काउंट और सीबीसी की जांच करना है. अगर रिपोर्ट में कोई कमी मिले तो आपको डॉक्टर से जाकर मिलना चाहिए. कुछ लोग बढ़ते दिल के दौरे को वैक्सीन से जोड़ते हैं, लेकिन कोई सिद्ध तथ्य नहीं है. निर्माताओं ने स्वीकार किया है कि COVID वैक्सीन का एक दुर्लभ दुष्प्रभाव है और कुछ लोग इससे पीड़ित हुए हैं. लेकिन उनकी संख्या कम है इसलिए घबराएं नहीं. कुछ हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि ये साइड इफेक्ट बहुत रेयर हैं और इसे लेकर एक्सपर्ट पहले भी चिंता जता चुके हैं.

ब्रिटिश-इंडियन हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. असीम मल्होत्रा के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका के संबंध में, लगभग सभी यूरोपीय देशों ने 2021 में इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. सवाल यह है कि इसे कोविशील्ड के तहत भारत में क्यों पेश किया गया. जब हम एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड वैक्सीन से प्रतिकूल घटनाओं के आंकड़ों को देखते हैं, तो यह फाइजर से कहीं ज्यादा खराब है और हम जानते हैं कि फाइजर वैक्सीन भयानक है इसलिए इस बात की जांच होने तक तत्काल निलंबन की जरूरत है कि भारत ने यह इतना गलत क्यों किया.

क्या कहता है WHO

WHO ने हाल ही में टीटीएस को गंभीर और जिंदगी के लिए खतरा पैदा करने वाला बताया है. पिछले साल वर्ल्ड हेल्थ बॉडी ने संभावित टीटीएस मामलों के एसेसमेंट और मैनेजमेंट में हेल्थकेयर प्रोवाइडरों की मदद करने के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर टीटीएस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अंतरिम इमरजेंसी गाइडेंस जारी किया था.

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