Home राजनीति सचिन वाजे के आरोप पर अनिल देशमुख का पलटवार, कहा- राजनीतिक प्रतिशोध ले रहे हैं डिप्टी CM

सचिन वाजे के आरोप पर अनिल देशमुख का पलटवार, कहा- राजनीतिक प्रतिशोध ले रहे हैं डिप्टी CM

by Live Times
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सचिन वाजे के आरोप पर अनिल देशमुख का पलटवार, कहा- राजनीतिक प्रतिशोध ले रहे हैं डिप्टी CM

Maharashtra Politics: NCP- शरद गुट के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

04 August, 2024

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र (Maharashtra) में NCP-शरद गुट के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख से जुड़े फिरौती और वसूली मामले में नया मोड़ आ गया है. जेल में बंद पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waje) ने अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पर अनिल देशमुख ने पलटवार करते हुए बड़ा बयान दे दिया है. अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस (Deputy CM Devendra Fadnavis) सचिन वाजे का इस्तेमाल करके उनसे राजनीतिक प्रतिशोध ले रहे हैं. साथ ही उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को चुनौती दे दी. इस तरह के आरोप लगाना देवेंद्र फडणवीस की एक चाल है. बता दें कि पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे एंटीलिया बम कांड और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं.

अनिल देशमुख को मिल चुकी है क्लीन चिट

बता दें कि सचिन वाजे ने कहा है कि अनिल देशमुख जब महाराष्ट्र सरकार में गृहमंत्री थे तब वह अपने PA के जरिए मुझसे जबरन पैसे वसूल करते थे. अब इस पर अनिल देशमुख ने देवेंद्र फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो जस्टिस चांदीवाल आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करें. अनिल देशमुख ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल चुकी है. NCP-शरद गुट के नेता ने कहा कि सेवानिवृत्त जस्टिस चांदीवाल ने मेरे खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कराई थी. इसके बाद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बर्खास्त कर दिया गया था. उस दौरान सचिन वाजे ने खुद माना था कि ना तो मैंने और ना ही मेरे PA ने उनसे पैसे मांगे थे और ना ही उन्होंने कोई पैसा दिया था.

विपक्षी दलों ने जांच की मांग की

गौरतलब है कि पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की ओर से लगाए गए इन आरोपों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मच गया है. विपक्षी दलों ने भी इस मामले को लेकर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं. विपक्षी दलों की मांग है कि सरकार को एक बार फिर से इस मामले की नए सिरे से जांच करवानी चाहिए. साथ ही विपक्ष का यह भी कहना है कि ऐसे दावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सरकार इसे गंभीरता से ले.

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