Home Top 2 News चीन बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक देश, अमेरिका दूसरे नंबर पर; जानें वाणिज्यिक रिपोर्ट में और क्या-क्या है ?

चीन बना भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक देश, अमेरिका दूसरे नंबर पर; जानें वाणिज्यिक रिपोर्ट में और क्या-क्या है ?

by Live Times
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India Trading Partner : अमेरिका को निर्यात साल 2023-24 में 1.32 प्रतिशत घटकर 77.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया, जबकि 2022-23 में यह 78.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.

12 May, 2024

India Trading Partner : चीन बीते वित्त वर्ष (2023-24) में 118.4 अरब डॉलर के साथ इंडिया का सबसे बड़ा व्यापारिक देश बना गया है. इस लिस्ट में अमेरिका दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. आर्थिक थिंक टैंक GTRI के आंकड़ों के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में 118.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा. वाशिंगटन 2021-22 और 2022-23 के दौरान नई दिल्ली का शीर्ष व्यापारिक भागीदार था.

इन सेक्टरों के निर्यात में हुई वृद्धि

आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 प्रतिशत बढ़कर 16.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. जिन मुख्य क्षेत्रों ने निर्यात में स्वस्थ वृद्धि दर्ज की उनमें लौह अयस्क, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हथकरघा, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम शामिल हैं. पड़ोसी देश से आयात 3.24 प्रतिशत बढ़कर 101.7 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया.

पिछले वित्त वर्ष में अमेरिका को निर्यात में आई कमी

अमेरिका को निर्यात साल 2023-24 में 1.32 प्रतिशत घटकर 77.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंच गया, जबकि 2022-23 में यह 78.54 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.वहीं आयात लगभग 20 प्रतिशत घटकर 40.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2024 तक अपने शीर्ष 15 व्यापारिक भागीदारों के साथ भारत की व्यापार गतिशीलता में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार अधिशेष या घाटे की स्थिति के साथ-साथ निर्यात और आयात दोनों पर असर पड़ा.

चीन के निर्यात में मामूली गिरावट दर्ज की गई

चीन के निर्यात में 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 16.66 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि चीन से आयात 44.7 प्रतिशत बढ़कर 70.32 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 101.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि आयात में इस वृद्धि के कारण व्यापार घाटा बढ़ गया, जो वित्त वर्ष 2019 में 53.57 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 85.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो बढ़ते आयात के बीच स्थिर निर्यात पर चिंताओं को उजागर करता है.

अमेरिका से व्यापार में हुई वृद्धि

वहीं अमेरिका के साथ व्यापार में वृद्धि देखी गई, निर्यात में 47.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 52.41 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 77.52 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. अमेरिका से आयात भी 14.7 प्रतिशत बढ़कर 35.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 40.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया. साथ ही भारत के लिए व्यापार अधिशेष का विस्तार हुआ जो 16.86 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 36.74 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया.

आंकड़ों के अनुसार चीन के साथ व्यापार में हुई बढ़ोतरी

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार था. चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात देश का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका सबसे बड़ा भागीदार था. 2023-24 में 83.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ संयुक्त अरब अमीरात, भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। इसके बाद रूस, सऊदी अरब और सिंगापुर का स्थान रहा.

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