Rupee against Dollar: यूएस डॉलर के सामने रुपये की गिरावट थमने का नाम ही नहीं ले रही है. ऐसे में आज रुपये ने फिर एक नया रिकॉर्ड लो लेवल टच कर लिया है.
15 December, 2025
Rupee against Dollar: सोमवार की शुरुआती ट्रेडिंग में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे टूटकर अब तक के सबसे निचले लेवल यानी 90.58 पर पहुंच गया. रुपये पर दबाव की बड़ी वजह भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर बनी अनिश्चितता और फॉरेन इन्वेस्टर्स की लगातार बिकवाली मानी जा रही है. बाजार में फिलहाल “वेट एंड वॉच” का माहौल है, जिससे इन्वेस्टर्स की चिंता साफ नजर आ रही हैं.
करेंसी मार्केट पर असर
फॉरेक्स मार्केट से जुड़े जानकारों का कहना है कि रुपया इस समय नेगेटिव ट्रेंड में कारोबार कर रहा है. इन्वेस्टर्स भारत और अमेरिका के बीच होने वाली बिजनेस डील से जुड़े किसी ठोस संकेत का इंतजार कर रहे हैं. इसी अनिश्चितता का असर सीधे करेंसी मार्केट पर देखने को मिल रहा है. इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में रुपया 90.53 पर खुला था, लेकिन कुछ ही देर में गिरकर 90.58 के इंट्राडे लो लेवल पर पहुंच गया. यानी अपने पिछले क्लोज़िंग लेवल से 9 पैसे की गिरावट में दिखा. इससे पहले शुक्रवार को भी रुपया 17 पैसे कमजोर होकर 90.49 पर बंद हुआ था, जो उस समय का रिकॉर्ड लो लेवल था.
रुपये पर दवाब
ग्लोबल मोर्चे पर बात करें तो डॉलर इंडेक्स, जो 6 मेजर इंटरनेशनल करेंसी के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाता है. यानी ये 0.05 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 98.35 पर कारोबार कर रहा था. इसके बावजूद रुपये पर दबाव बना हुआ है. कच्चे तेल की कीमतों में भी हल्की तेजी देखने को मिली. वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स ट्रेड में 0.52 फीसदी की बढ़त के साथ 61.44 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. आमतौर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारत जैसे इम्पोटर देश के लिए रुपये पर एडिशनल प्रेशर डालती हैं.
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गिर गई शेयर मार्केट
घरेलू शेयर बाजार में भी कमजोरी का माहौल रहा. बीएसई सेंसेक्स 298.86 अंक टूटकर 84,968.80 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 121.40 अंक गिरकर 25,925.55 के लेवल पर आ गया. शेयर बाजार की ये गिरावट भी रुपये की कमजोरी को और हवा दे रही है. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय शेयर बाजार से 1,114.22 करोड़ रुपये की बिकवाली की है. इससे साफ है कि फॉरेन इन्वेस्टर्स फिलहाल भारतीय बाजारों से दूरी बना रहे हैं.
ट्रेड डील पर नज़र
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के हेड ऑफ ट्रेजरी और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल कुमार भंसाली के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर इक्विटी और डेट दोनों सेगमेंट में लगातार बिकवाली कर रहे हैं. वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डॉलर बेचकर उनकी लंबी पोजिशन को फंड कर रहा है. यानी वैश्विक अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और घरेलू बाजारों की कमजोरी की वजह से रुपया फिलहाल दबाव में बना हुआ है. आने वाले दिनों में ट्रेड डील से और ग्लोबल मार्केट की चाल रुपये की दिशा तय करने में बड़ी भूमिका निभाएगी.
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