Stock Markets: शेयर बाज़ार पिछले कुछ दिनों से रॉकेट की रफ्तार से चल रहा था. हालांकि, आज उसकी रफ्तार थमती दिखी. आप भी जानें मार्केट का हाल.
18 November, 2025
Stock Markets: शेयर बाज़ार में लगातार छह दिनों की रॉकेट जैसी रफ्तार आखिरकार थम गई. मंगलवार को इन्वेस्टर्स ने प्रोफिट बुकिंग का रुख अपनाया, जिसका सीधा असर बाजार पर दिखा. आईटी, मेटल और कैपिटल गुड्स शेयरों में बिकवाली बढ़ी और ग्लोबल मार्केट के कमजोर रुझान ने माहौल को और भारी कर दिया. सेंसेक्स 278 अंकों की गिरावट के साथ 84,673.02 पर बंद हुआ, जबकि दिन के कारोबार में ये 392 अंकों तक टूटकर 84,558.36 के लेवल तक पहुंच गया था.
इन शेयरों में गिरावट
निफ्टी भी 103 अंकों की गिरावट के साथ 25,910.05 पर बंद हुआ, यानी 26,000 के लेवल से नीचे. वहीं, सेंसेक्स की बड़ी कंपनियों में टेक महिंद्रा, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, अडानी पोर्ट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर और बीईएल के शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव रहा. आईटी और मेटल सेक्टर की कमजोरी ने इंडेक्स को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया.
किसने संभाला बाजार
हालांकि भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स और टाइटन जैसी बड़ी कंपनियों ने थोड़ी मजबूती दिखाई, जिससे गिरावट कुछ हद तक बैलेंस रही. अब सवाल ये उठता है कि आखिर आज शेयर बाज़ार में इतनी गिरावट क्यों रही? इसे लेकर जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा कि हाल की रैली के बाद इन्वेस्टर्स ने प्रोफिट बुकिंग की. इसके अलावा बाहर की मार्केट भी कमजोर पड़ रही है और इसका असर इंडियन स्टॉक मार्केट पर भी दिख रहा है. दूसरी तरफ दिसंबर में अमेरिका की फेडरल रिज़र्व के रेट कट की उम्मीदें कम होती दिख रही हैं, जिससे आईटी, मेटल और रियल्टी शेयरों पर दबाव बढ़ा है.
लाल झंडी दिखाती मार्केट
एशियाई बाजारों में कोस्पी, निक्केई 225, शंघाई कंपोज़िट और हैंगसेंग सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. इसके अलावा यूरोपीय बाजारों में भी कमजोरी का ही रुख देखने को मिला. अमेरिकी बाजार सोमवार को निगेटिव ज़ोन में बंद हुए थे, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा. एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को 442.17 करोड़ रुपये की खरीदारी की. वहीं, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) ने भी 1,465.86 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं.
कच्चे तेल की चाल
ब्रेंट क्रूड 0.40 प्रतिशत टूटकर 63.94 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो पावर सेक्टर में नरमी के संकेत दे रहा है. खास बात ये है कि, सोमवार को सेंसेक्स लगातार छठे दिन चढ़ा था और 388 अंकों की बढ़त के साथ 84,950.95 पर बंद हुआ था. निफ्टी भी 26,013.45 के ऊपर पहुंच गया था. हालांकि, मंगलवार की हल्की सी मुनाफा वसूली ने पूरी रफ्तार को रोक दिया. आज का कारोबार साफ संदेश दे रहा है कि, बढ़ती हुईं लहरें अक्सर एक मोड़ पर सांस लेती हैं और बाजार भी!
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