Delhi School Education Act 2025: दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन( फीस तय करना और नियम) एक्ट 2025 लागू किया है, जिसके तहत प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस नहीं ले सकेंगे.
12 December, 2025
Delhi School Education Act 2025: राजधानी दिल्ली में अब प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी नहीं चला पाएंगे. प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल एजुकेशन( फीस तय करना और नियम) एक्ट 2025 लागू किया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसको आधिकारिक रूप से लागू करने की गजट नोटिफिकेशन जारी की है. अब दिल्ली के 1500 से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों को इस कानून अंदर ही काम करना होगा.
फिजूल की फीस नहीं ले सकते स्कूल
अब इस कानून के तहत, कोई भी स्कूल जरूरत से ज्यादा फीस नहीं ले सकता. स्कूल सिर्फ उतनी ही फीस ले सकता है, जो तय की गई हो. स्कूल फीस हेड को साफ तरीके से बताना होगा कि उनकी फीस क्यों जायज है. इसके साथ ही ट्यूशन फीस में पढ़ाई से जुड़े खर्च ही शामिल होंगे, इसमें बिल्डिंग या किसी भी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च नहीं जोड़ा जाएगा. स्कूल के खिलाफ कमेटी में शिकायत दर्ज करने के लिए कम से कम 15 फीसदी अभिभावकों को स्कूल के खिलाफ एक साझा शिकायत दर्ज करानी होगी.

तीन स्तर पर होगी फीस सुनवाई
दिल्ली एजुकेशन एक्ट 2025 के तहत, किसी भी फीस विवाद की सुनवाई तीन स्तरों पर की जाएगी. निगरानी व्यवस्था के लिए, स्कूल-स्तरीय फीस रेगुलेशन कमेटी, जिला फीस अपीलेट कमेटी और रिविजन कमेटी बनाई जाएगी. जिला कमेटी को हर साल 15 जुलाई को बनाया जाएगा और 30 जुलाई तक सभी मामलों को निपटारा किया जाना चाहिए. जिला स्तर के फैसले के बाद 30 से 45 दिनों के अंदर रिवीजन कमेटी में अपील की जा सकती है. इसके बाद रिवीजन कमेटी 45 दिनों के अंदर फैसला सुनाएगी, जो तीन साल तक लागू रहेगा. अगर 45 दिनों में समाधान नहीं हो पाता है तो मामला अपने आप जिला अपीलेट कमेटी के पास चला जाएगा.
स्कूल स्तरीय कमेटी में कौन-कौन होगा शामिल
स्कूल स्तरीय कमेटी में स्कूल के अभिभावक प्रतिनिधि (महिला और कमजोर वर्ग का प्रतिनिधित्व अनिवार्य), शिक्षक (लकी ड्रॉ द्रारा चुना गया), स्कूल मैनेजमेंट का एक प्रतिनिधि (कमेटी चेयरपर्सन), प्रिंसिपल (मेंबर सेक्रेटरी) और एजुकेशन डिपार्टमेंट से एक सुपरवाइज़र शामिल होंगे.
यह भी पढ़ें- उम्र, कैटेगरी और मेरिट पर मिलेगा ट्रांसफर, हरियाणा सरकार ने लागू की नई पॉलिसी
