British Education In India: भारत में यूके बनेगा सबसे बड़ा विदेशी शिक्षा भागीदार बनेगा. ब्रिटेन की कुल 9 यूनिवर्सिटी कैंपस खोलेंगी.
British Education In India: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान घोषणा की कि लंकास्टर विश्वविद्यालय और सरे विश्वविद्यालय को भारत में अपने परिसर स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है. दोनों विश्वविद्यालयों को मंजूरी मिलने के साथ ही भारत में परिसर स्थापित करने वाले ब्रिटेन के संस्थानों की संख्या नौ हो गई है. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने इस वर्ष के प्रारंभ में दिल्ली में अपना परिसर खोला है, जबकि यॉर्क विश्वविद्यालय, एबरडीन विश्वविद्यालय, ब्रिस्टल विश्वविद्यालय, लिवरपूल विश्वविद्यालय, क्वींस विश्वविद्यालय बेलफास्ट और कोवेंट्री विश्वविद्यालय अगले वर्ष से अपने परिसर खोलेंगे.यहां ब्रिटिश उच्चायोग के एक बयान के अनुसार, प्रधान मंत्री स्टारमर ने पुष्टि की है कि लैंकेस्टर विश्वविद्यालय और सरे विश्वविद्यालय को भारत में उच्च शिक्षा स्थानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नए परिसर खोलने की मंजूरी दी गई है.
रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
वर्तमान में भारत में विश्वविद्यालय में 40 मिलियन छात्र हैं और 2035 तक 70 मिलियन स्थानों की आवश्यकता होगी. यूके का विश्व-प्रसिद्ध उच्च शिक्षा क्षेत्र हजारों भारतीय छात्रों को घर से बाहर जाए बिना यूके की डिग्री के लिए अध्ययन करने का अवसर दे रहा है. गुरुवार को घोषित नए परिसरों के साथ यूके भारत में सबसे बड़ा उच्च शिक्षा पदचिह्न वाला देश बनने के लिए तैयार है. स्टारमर और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में यूके के कुलपतियों के साथ बैठक में इस उपलब्धि का जश्न मनाया. स्टार्मर ने कहा कि हमारे महान ब्रिटिश विश्वविद्यालय अपनी उत्कृष्ट शिक्षण, उच्च-गुणवत्ता वाले शोध और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता के लिए दुनिया भर में प्रशंसित हैं. मुझे खुशी है कि निकट भविष्य में और अधिक भारतीय छात्र विश्वस्तरीय ब्रिटिश शिक्षा का लाभ उठा पाएंगे, जिससे हमारे दोनों देशों के बीच संबंध और मज़बूत होंगे. साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था में लाखों लोगों का योगदान होगा और घरेलू स्तर पर रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा.
विश्व में अग्रणी है ब्रिटिश उच्च शिक्षा
ब्रिटिश शिक्षा सचिव ब्रिजेट फिलिप्सन ने कहा कि ब्रिटिश उच्च शिक्षा विश्व में अग्रणी है और यह विस्तार इसकी वैश्विक अपील को दर्शाता है. फिलिप्सन ने कहा कि भारत में नए परिसर खोलने से ज़्यादा युवाओं को ब्रिटिश शिक्षा का लाभ उठाने का मौका मिलेगा. साथ ही हमारे घरेलू विश्वविद्यालयों को भी वास्तविक लाभ मिलेगा. हम अपनी अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा रणनीति तैयार करने की तैयारी कर रहे हैं, ये नए परिसर हमारी महत्वाकांक्षा के प्रतीक हैं. ऐसी दीर्घकालिक साझेदारियां बनाना जो दोनों देशों के लिए विकास, नवाचार और अवसर प्रदान करें. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2023 में भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन संबंधी नियमों की घोषणा की थी. साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय इन नियमों के तहत भारत में अपना परिसर स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय बन गया.
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