Home Entertainment Metro In Dino Review: अगर आप भी उलझे हुए हैं रिश्तों में, तो देखिए ये फिल्म, जो हर उम्र के रिलेशनशिप को समझती है

Metro In Dino Review: अगर आप भी उलझे हुए हैं रिश्तों में, तो देखिए ये फिल्म, जो हर उम्र के रिलेशनशिप को समझती है

by Jiya Kaushik
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Metro In Dino Review: अगर आप सिनेमा में सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, एक एहसास ढूंढते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए है. ऐसी दिल छूने वाली कहानी, जो हर उम्र के रिश्तों को समझती है.

Metro In Dino Review: अगर आप उन दर्शकों में हैं जो सोचते हैं कि आजकल ऐसी फिल्में क्यों नहीं बनतीं जो रूह को छू जाएं, तो Metro In Dino आपके लिए ही बनी है. अनुराग बसु का यह सिनेमा रिश्तों की पेचीदगियों और भावनाओं को इतने खूबसूरत तरीके से सामने लाता है कि आप खुद को इसमें खोते हुए पाएंगे.

क्या कहती है कहानी?

फिल्म में कई कहानियां साथ चलती हैं और सभी में कुछ ऐसा है जो दिल को छू जाता है, पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन एक ऐसे दंपती हैं जिनकी शादी बोरियत में बदल चुकी है.
उनकी बेटी अपनी सेक्सुअल पहचान को लेकर उलझी हुई है. अली फजल और फातिमा सना लॉन्ग डिस्टेंस और करियर के बीच झूलते हैं. आदित्य रॉय कपूर और सारा अली खान की कहानी उन रिश्तों को छूती है जो धीरे-धीरे पनपते हैं. वहीं नीना गुप्ता अकेलेपन से जूझ रही हैं और उन्हें सालों बाद अपने स्कूल के दोस्त अनुपम खेर से फिर से जुड़ाव मिलता है. हर कहानी आपको कहीं न कहीं खुद की लगेगी.

कैसी है फिल्म?

यह फिल्म सिर्फ देखने के लिए नहीं, महसूस करने के लिए है. फिल्म का फर्स्ट हाफ शानदार है, कहानियां बहती हैं, दिल तक पहुंचती हैं. वहीं सेकंड हाफ थोड़ा धीमा होता है, लेकिन फिल्म कभी भटकती नहीं.
यह फिल्म मुश्किलें नहीं गिनाती, बल्कि समाधान दिखाती है.
गुलज़ार और जावेद अख्तर की शायरी की तरह हर सीन में एक गहराई है.

हर कलाकार ने छोड़ी गहरी छाप

पंकज त्रिपाठी सहज और प्रभावशाली हैं. कोंकणा सेन शर्मा का अभिनय फिर से याद रह जाने वाला है. वहीं नीना गुप्ता दिल को छू जाती हैं. अनुपम खेर अपनी उपस्थिति से किरदार को जीवंत बना देते हैं. अली फज़ल और फातिमा सना शेख की केमिस्ट्री भी बेहद रियल लगती है. सारा अली खान की परफॉर्मेंस थोड़ी हल्की है, लेकिन वह अपनी जगह संभाल लेती हैं.

अनुराग बसु का सिग्नेचर टच

अनुराग बसु इस फिल्म के असली हीरो हैं. उन्होंने रिश्तों की उलझनों को जिस तरह सादगी से पिरोया है, वो सिर्फ वही कर सकते हैं. उनकी कहानी कहने का तरीका इमोशनल भी है, सिनेमैटिक भी. ये फिल्म उनके बेहतरीन कामों में से एक है.

प्रीतम का संगीत कहानी का हिस्सा बना

प्रीतम का म्यूजिक फिल्म में सिर्फ गाना नहीं, अनुभव बनकर आता है. हर ट्रैक कहानी में घुलता है, सिचुएशन को और भावनात्मक बनाता है. गाने बीच-बीच में ऐसे आते हैं जैसे किसी कविता का मुखड़ा.

फिल्म देखिए, असर अपने आप होगा

Metro In Dino एक ऐसी फिल्म है जो सिखाती है कि रिश्ते सिर्फ निभाने की चीज नहीं, समझने की प्रक्रिया हैं. ये फिल्म आपको थोड़ा सा रोकती है, सोचने देती है, और फिर आपके दिल में उतर जाती है.

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