Heavy Rain Red Alert: मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान लगाया है.
Heavy Rain Red Alert: मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार से मंगलवार तक हिमाचल प्रदेश के छह जिलों में बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने भूस्खलन, अचानक बाढ़, भूमि धंसने, जल-जमाव और जल निकायों के उफान की चेतावनी दी है. अधिकारियों ने घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी है.बहुत जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है. मौसम विभाग ने रविवार को ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान लगाया है. सोमवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर और मंगलवार को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. आंकड़ों से पता चला है कि हिमाचल प्रदेश में अगस्त 2025 में 72 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है.
भूस्खलन और बाढ़ ने मचाई तबाही
राज्य में मौसम के औसत 256.8 मिमी के मुकाबले 440.8 मिमी बारिश हुई. पांच जिलों में यह अधिकता 100 प्रतिशत से अधिक थी, अर्थात् कुल्लू (162 प्रतिशत), शिमला (126 प्रतिशत), ऊना (121 प्रतिशत), सोलन (118 प्रतिशत) और चम्बा (104 प्रतिशत). राज्य के कई हिस्सों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है, जिसके कारण रविवार सुबह 822 सड़कें बंद हो गईं. इनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग – पुराना हिंदुस्तान तिब्बत मार्ग, मंडी-धरमपुर मार्ग और औट-सैंज मार्ग शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि नैतर और भाग धाराओं में अचानक आई बाढ़ के कारण मनाली-नग्गर-कुल्लू मार्ग बाधित हो गया है, जिसके बाद मरम्मत का काम चल रहा है. शिमला शहर के विभिन्न हिस्सों में कुछ वाहन मलबे में दब गए, जबकि एक बिजली का खंभा गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई. आसपास के इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई.
राज्य को 3,042 करोड़ का नुकसान
शनिवार शाम 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे के बीच 12 घंटों में कांगड़ा में 45 मिमी, ऊना में 37.2 मिमी, पालमपुर में 32 मिमी, कुफरी में 35 मिमी, शिमला में 18.2 मिमी, मनाली में 18 मिमी, कुफरी में 17.5 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 16.2 मिमी और मंडी में 15.8 मिमी बारिश हुई. राज्य में 20 जून को मानसून की शुरुआत से 30 अगस्त तक, हिमाचल प्रदेश में 91 बाढ़, 45 बादल फटने और 93 बड़े भूस्खलन हुए हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, 1,236 बिजली ट्रांसफार्मर और 424 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं. एसईओसी के आंकड़ों से पता चला है कि इस मानसून में राज्य को 3,042 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 320 लोग मारे गए हैं. लगभग 4,041 घर पूर्णतः या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गये हैं.
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