Donald Trump Tariff War With China : अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर बात बनती दिखाई दे रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका ने 90 दिनों के लिए टैरिफ युद्ध को रोक दिया है.
Donald Trump Tariff War With China : अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है जिसके बाद से वैश्विक शेयर बाजारों में उछाल देखने को मिली है. इससे न केवल चीन बल्कि दुनियाभर के बाजारों में रफ्तार देखने को मिली.
डील में क्या बातें निकलकर आई सामने
आपको बता दें कि अमेरिका और चीन ने जेनेवा में बातचीत की थी. इसके नतीजों की बात करें तो दोनों देशों ने टैरिफ में 115 प्रतिशत के कटौती का एलान किया था. वहीं, व्यापार समझौते के अनुसार अब अमेरिका, चीन पर आयातित सामानों पर 30% टैरिफ लगाएगा तो वहीं, चीन अमेरिकी से आयात होने वाले प्रोडक्ट्स पर 10 फीसदी का टैरिफ लगाएगा. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच ये डील 90 दिनों के लिए हुई है.
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बाजार पर दिखा सकारात्मक असर
दोनों देशों के बीच हुए इस टैरिफ डील पर समझौते का असर शेयर बाजार पर भी दिखने लगा है. इस कड़ी में अमेरिका की ओर से चीन को दी गई 90 दिनों का राहत के चलते मार्केट ने रफ्तार पकड़ ली. S&P 500 अपने सबसे अच्छे लेवल पर बंद हुआ और Nasdaq इंडेक्स 28 फरवरी के बाद अच्छे स्तर पर कल्ज हुआ. इतना ही नहीं, इस डील के होने के वजह से निवेशकों का भरोसा एक बार फिर लौट आया है. डॉलर मजबूत हुआ और सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.
क्या हुआ है समझौता?
गौरतलब है कि अमेरिका ने अगले 90 दिनों के लिए चीन पर लगे टैरिफ को घटाकर 30 प्रतिशत तक कर दिया है. यहां बता दें कि अमेरिका ने चान पर 145 फीसदी का टैरिफ लगाया था. वहीं, चीन ने भी अमेरिका पर लगे टैरिफ पर 10 प्रतिशत तक की घटत की है, जो इसके पहले 125 प्रतिशत थी.
दोनों देशों का क्या है रुख?
यहां आपको बता दें कि दोनों के बीच में समझौता तो हुआ है लेकिन मतभेद अभी खत्म नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लेकर लगातार अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे पर टैरिफ लगाया था उसे अभी सुलझाया नहीं जा सका है. हालांकि, टैरिफ वॉर पर 90 दिनों की रोक पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बहुत-बहुत अच्छा हो रहा है. चीन के साथ टैरिफ पर हुए समझौते को ट्रंप अपनी जीत मान रहे हैं. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि ट्रंप को अपने इस फैसले पर इसलिए पीछे हटना पड़ा क्योंकि इससे अमेरिका को बड़ा नुकसान हो रहा था और निवेशकों के बीच भरोसा घट रहा था.
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