Fadnavis government: कांग्रेस ने कहा कि श्वेत पत्र के जरिए पिछले 12 महीनों में सरकार की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया जाए.
Fadnavis government: महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार के शुक्रवार को एक साल पूरे होने पर विपक्षी कांग्रेस ने राज्य विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में एक “श्वेत पत्र” पेश करने की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि श्वेत पत्र के जरिए पिछले 12 महीनों में सरकार की उपलब्धियों का ब्यौरा दिया जाए. कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि भाजपा नीत महायुति सरकार के एक साल ने महाराष्ट्र के लोगों को निराश किया है. नागपुर में पूर्व मंत्री ने दावा किया कि पिछले एक साल में किसानों की आत्महत्याओं में वृद्धि हुई है. कृषि उपज को गारंटीकृत मूल्य नहीं मिल रहा है. जबकि किसान समय पर बीज या उर्वरक प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार अपनी पीठ थपथपाने में व्यस्त है. वे पांच सितारा होटलों में बैठकर अपनी उपलब्धियां बताते हैं, लेकिन लोगों को निराशा के अलावा कुछ नहीं मिला है.
बिल्डरों और मंत्रियों के बीच सांठगांठ का आरोप
उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार 8 दिसंबर से नागपुर में शुरू हो रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में एक “श्वेत पत्र” पेश करे, जिसमें उसके चुनाव-पूर्व वादों, निर्णयों और क्रियान्वयन का ब्यौरा हो. गौरतलब है कि “श्वेत पत्र” किसी जनहित के मुद्दे पर जानकारी या प्रस्ताव देने वाली सरकारी रिपोर्ट को कहते हैं. कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन, जिसमें भाजपा, शिवसेना और राकांपा शामिल हैं, महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने और बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करने सहित कई मोर्चों पर विफल रहा है. उन्होंने राज्य में बिल्डरों और मंत्रियों के बीच सांठगांठ का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा (मध्य महाराष्ट्र) में बाढ़ ने किसानों को तबाह कर दिया है. कुपोषित बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है. राज्य भर में सड़कों की हालत खराब हो गई है. महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं. बिल्डर और मंत्री करोड़ों की जमीन हड़प रहे हैं. चहेते उद्योगपति लाभान्वित हो रहे हैं जबकि आम लोग संघर्ष कर रहे हैं.
विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि चंद्रपुर जिले में अवैध कोयला खनन हो रहा है, जहां से वह विधायक हैं. उन्होंने दावा किया कि चंद्रपुर के बारंज कोयला खदान में नियमों का पूर्ण उल्लंघन कर अवैध खनन हो रहा है. लाखों रुपये का कोयला खुलेआम बाजार में बेचा जा रहा है. पूर्व राज्य मंत्री ने कहा कि 2023 में क्षेत्र में कोयला खनन की मंजूरी देते समय पर्यावरण विभाग द्वारा लगाई गई शर्तों का उल्लंघन किया गया है और परियोजना प्रभावित परिवारों का पुनर्वास अभी भी लंबित है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्री से लेकर वन विभाग के अधिकारियों तक सभी अनियमितताओं में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह मामला अगले सप्ताह विधानसभा में उठाया जाएगा. किसी भी सदन में विपक्ष का नेता नियुक्त नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए वडेट्टीवार ने जोर देकर कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन का न तो लोकतंत्र और न ही संविधान के प्रति कोई सम्मान है.
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