America News : विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कार्रवाई के बाद वेमुरी ने कहा कि MIT के इस फैसले मैं काफी निराश हूं क्योंकि उन्होंने दंडित करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया.
America News : अमेरिका की यूनिवर्सिटी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) अमेरिकी-भारतीय छात्रा को गाजा में युद्धा की निंदा करने वाले भाषण देने की वजह से बुरी फंस गई हैं. MIT में 2025 की बैच की स्टूडेंट मेघा वेमुरी (Megha Vemuri) को ग्रेजुएशन सेरेमनी में शामिल नहीं होने दिया गया. इसी बीच वेमुरी ने कहा कि भाषण देने के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने दीक्षांत समारोह पार्टिसिपेट नहीं करने दिया. उन्होंने आगे कहा कि परिसर में आने से रोक दिया गया. साथ ही इस बात की पुष्टि की है कि वेमुरी को स्नातक समारोह में भाग लेने से रोक दिया गया. इसके साथ ही MIT नेतृत्व ने कहा कि वे वेमुरी को दी गई सजा पर कायम हैं.
गाजा युद्ध का किया विरोध
यूनिवर्सिटी के एक प्रवक्ता ने कहा कि MIT अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है. लेकिन स्टूडेंट ने जिस तरह से भाषण दिया गया है वह पूरी तरह से अनुचित है और यूनिर्सिटी को इस बात का भी डर था कि वह दीक्षांत समारोह के मंच से कुछ अलग न बोल दे. हालांकि, प्रशासन ने यह जरूर कहा है कि स्टूडेंट को डिग्री जरूर मिलेगी. जॉर्जिया में पली बढ़ी मेघा वेमुरी MIT दीक्षांत समारोह में एक मैन वक्ता के रूप में थीं. लेकिन उससे पहले ही उन्होंने एक मंच पर प्रो फिलिस्तीन एकजुटता का प्रतीक का गाउन लपेटकर गाजा युद्ध विरोध किया और अपने सारे फ्रेंड्स की प्रशंसा की. इसके अलावा यूनिवर्सिटी के इजराइल के साथ संबंधों की जमकर आलोचना भी की.

मैं फैसले से काफी निराशा हूं : वेमुरी
वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कार्रवाई के बाद वेमुरी ने कहा कि MIT के इस फैसले मैं काफी निराश हूं क्योंकि उन्होंने दंडित करने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. साथ ही किसी भी विशिष्ट नीति का भी उल्लंघन नहीं किया गया है. इसके अलावा उन्होंने MIT के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के कथित समर्थन को पाखंड बताया है. काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस ने वेमुरी को समारोह में शामिल होने के लिए विश्वविद्यालय के फैसले की निंदा की है.
CAIR-मैसाचुसेट्स की कार्यकारी निदेशक ताहिरा अमातुल-वदूद (Tahira Amatul-Wadud) ने कहा कि MIT को एकेडमिक स्वतंत्रता और अपने छात्रों की आवाज का सम्मान करना चाहिए. साथ ही युद्ध के खिलाफ जो लोग आवाज बुलंद कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 में हमास ने इजराइल पर कई मिसाइलों से हमला कर दिया था और उस दौरान 1200 लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद से ही गाजा में हमास के खिलाफ इजराइली सेना हमला कर रही है और अभी तक वहां 53 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
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