Israel-Iran Conflict : कांग्रेस ने दावा किया ईरान में संकट के बीच भारतीय छात्र केंद्र से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन सरकार निकासी के नाम पर सिर्फ दुष्प्रचार फैला रही है.
Israel-Iran Conflict : ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष गंभीर रूप लेता जा रहा है और दोनों देशों के बीच में ड्रोन-मिसाइलों से हमला किया जा रहा है. बीते दिनों पहले इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला करके लीडरशिप को खत्म करने का प्लान बनाया था. इसके जवाब में शुक्रवार और शनिवार को ईरान ने भी तेल अवीव में जमकर मिसाइल से हमला किया. ईरान की तरफ से हमला इतना जोरदार था कि लोगों के बीच में अफरा-तफरी मच गई. इन्हीं सब खतरों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने रविवार को कहा दावा किया कि ईरान में 1500 से अधिक भारतीय छात्रों की अनिश्चितता की स्थिति है और विदेश मंत्रालय को सलाह देने की बजाय उन्हें निकालने के लिए प्लान बनाना चाहिए.
भारतीय छात्रों को घबराने की जरूरत नहीं
इजरायल की तरफ से ईरान पर हमलों के बीच कांग्रेस ने रविवार को एक बयान जारी किया और उसने ईरान में भारतीयों से कहा कि घबराने की जरूरत नहीं बस सावधानी बरतें. साथ ही इजरायल की तरफ से हमले के बीच तेहरान में भारतीय दूतावास के सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए संपर्क बनाए रखें. वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि ईरान में भारतीय छात्र मदद के लिए पुकार रहे हैं और केंद्र सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं दे रही है बल्कि उदासीन रवैया अपनाए हुए है, जबकि आसमान से मिसाइल लगातार बरस रही है. उन्होंने आगे कहा कि ईरान में लगातार मिसाइल दागने की वजह से इंटरनेट ठप हो गया है और विभिन्न प्रकार की सुविधा भी बाधित हो गई है जिसकी वजह से भारतीय छात्र अनिश्चितता की स्थिति में पहुंच गए है. सरकार को उनकी निकासी के लिए काम करना चाहिए.
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भारतीयों ने हर बार गुहार लगाई
कांग्रेस ने कहा कि भारतीय दूतावास ने छात्रों से सतर्क रहने, अनावश्यक गतिविधियों से बचने और दूतावास के सभी सोशल मीडिया हैंडल दिए जा रहे दिशानिर्देश को फॉलो करने के लिए कहा है. इसी बीच ईरान में भारतीय दूतावास की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के वजह से छात्र संकट में आ गए हैं. इसके अलावा कल रात के हमले के बाद स्टूडेंट्स सदमे में हैं. पवन खेड़ा ने दावा किया कि यह पहली बार नहीं है कि जब विदेश में किसी संकट की वजह से भारतीयों को मदद की गुहार लगानी पड़ी है. खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सूडान, यूक्रेन और अब ईरान में मोदी सरकार ने भारतीयों की निकासी को सिर्फ दुष्प्रचार में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति है कि देर से कदम उठाना, ज्यादा बोलना और बहुत कम काम करना है.
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