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चीन की सत्ता में आ सकता है भूचाल! एक रिपोर्ट ने कम्युनिस्ट पार्टी के गलियारों में मचाई हलचल

by Jiya Kaushik
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Liu Jianchao detained

Liu Jianchao detained: लियू जियानचाओ की हिरासत का आधिकारिक ऐलान भले ही न हुआ हो, लेकिन यह कदम चीन की आंतरिक राजनीति और कूटनीतिक रणनीतियों में बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है.

Liu Jianchao detained: चीन की सत्ता के गलियारों में हलचल मचाने वाली खबर सामने आई है. वरिष्ठ चीनी राजनयिक और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के विभाग के प्रमुख लियू जियानचाओ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह घटना चीन की कूटनीतिक और राजनीतिक सर्किल में भूचाल लेकर आई है.

अचानक हिरासत और पृष्ठभूमि

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, 61 वर्षीय लियू जियानचाओ को जुलाई के अंत में एक विदेशी दौरे से बीजिंग लौटने के बाद हिरासत में लिया गया. लियू को चीन का संभावित भावी विदेश मंत्री माना जाता था और वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी सहयोगी हैं. उन्होंने 28 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ‘लिबरेशन मूवमेंट्स समिट’ में सीपीसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था.

कूटनीतिक सर्किल में हलचल

लियू की हिरासत की खबर ऐसे समय आई है जब इस महीने के अंत में चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन होना है. विदेश नीति में लियू का अहम योगदान रहा है, और हाल ही में वह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी मिले थे, जहां दोनों देशों के संबंध सामान्य करने पर चर्चा हुई थी.

राजनीतिक इतिहास और योगदान

जिलिन प्रांत के निवासी लियू ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की और फिर चीनी विदेश मंत्रालय में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं. वह पार्टी के केंद्रीय अनुशासन आयोग (CDS) में भी कार्यरत रहे, जिसने 2012 के बाद से हजारों अधिकारियों के भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के मामलों की जांच की, जिनमें दो रक्षा मंत्री और कई जनरल शामिल थे.

पिछले घटनाक्रम की कड़ी

यह पहली बार नहीं है जब चीन के शीर्ष राजनयिक अचानक राजनीतिक परिदृश्य से गायब हुए हों. 2023 में तत्कालीन विदेश मंत्री चिन गांग को बिना कारण बताए पद से हटा दिया गया था. चिन को भी शी जिनपिंग का करीबी माना जाता था.

लियू जियानचाओ की हिरासत का आधिकारिक ऐलान भले ही न हुआ हो, लेकिन यह कदम चीन की आंतरिक राजनीति और कूटनीतिक रणनीतियों में बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है. आने वाले दिनों में यह मामला चीन के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर गहरा असर डाल सकता है.

यह भी पढ़ें: NSA डोभाल ने रूस के उप प्रधानमंत्री से की मुलाकात, सैन्य-तकनीकी सहयोग पर हुई अहम चर्चा

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