Gaza War : गाजा युद्धविराम को लेकर अमेरिका एक प्रस्ताव दिया है जिस पर हमास की एक सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई है. मध्यस्थता कर रहा कतर ने कहा कि अगर यह प्रस्ताव विफल हो जाता है तो संकट गहरा जाएगा.
Gaza War : 22 महीनों से चल रहे युद्ध से गाजा पूरी तरह तबाह हो गया है. इसी बीच अमेरिका की तरफ से 60 की दिनों के युद्धविराम का प्रस्ताव आया था, जिस पर हमास की सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई है. इस मामले में अब कतर की भी एंट्री हो गई है और उसने गाजा में युद्धविराम कराने की तत्काल आवश्यकता पर दिया. फिलहाल के लिए इजराइल की इस पर कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है, क्योंकि उसकी सेना इसके सबसे घने आबादी वाले इलाके पर हमले करने की तैयारी में जुटी हुई है. लाखों नागरिकों को आश्रय पर हमला को लेकर विदेशों में इजराइल की जमकर आलोचना हो रही है. युद्ध से काफी थकने के बाद फिलिस्तीनी किसी भी जगह को सुरक्षित नहीं मान रहे हैं.
प्रस्ताव रिजेक्ट होने पर संकट गहराएगा
इसी बीच लाखों की संख्या में इकट्ठा हुए इजराइलियों को डर है कि इस हमले से गाजा में शेष बंधकों के लिए और भी खतरा पैदा हो जाएगा. इसी कड़ी मे कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अली-अंसारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर युद्धविराम का प्रस्ताव विफल हो जाता है तो संकट पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगा. साथ ही इस मामले में अभी तक इजराइल की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. आपको बताते चलें कि कतर युद्ध समाप्त करने के लिए मध्यस्थता करने वाले देशों में से एक है. अल अंसारी ने कहा कि हमास ने चर्चा वाली बात सहमति जाहिर की है. हालांकि, उन्होंने विस्तार से जानकारी साझा करने से मना कर दिया, लेकिन यह जरूर बताया कि यह प्रस्ताव अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ द्वारा पहले रखे गए प्रस्ताव लगभग समान है.
बंधकों को किया जाएगा रिहा
अमेरिका के प्रस्ताव में 60 दिनों का युद्धविराम रखा गया है जिसमें कुछ शेष बंधकों को रिहा किया जाएगा और दोनों पक्ष एक स्थायी युद्धविराम भी चर्चा करेंगे. अल अंसारी ने बताया कि अगर हम किसी समझौते पर पहुंचे जाते हैं तो यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह तुरंत लागू हो जाएगा. मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि विटकोफ को बातचीत में फिर से शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. विटकोफ ने एक महीने से भी कम समय पहले हमास पर सद्भावना से काम न करने का आरोप लगाते हुए बातचीत से हाथ खींच लिया था. दूसरी तरफ सोमवार को एक इजराइली अधिकारी ने कहा कि सभी बंधकों की रिहाई समेत देश के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है.
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