पिछले कुछ वर्षों में उच्चस्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान से द्विपक्षीय संबंध निरंतर रूप से मजबूत हुए हैं. जनवरी 2005 में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग पर एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.
Delhi: भारत और चिली ने 8 मई को व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है. शर्तों पर भारत में चिली के राजदूत जुआन अंगुलो और भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव व भारतीय पक्ष की ओर से भारत-चिली सीईपीए के मुख्य वार्ताकार विमल आनंद ने हस्ताक्षर किए. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को दोहराया. अधिकारियों ने 26-30 मई तक नई दिल्ली में होने वाली पहली वार्ता के दौरान सार्थक चर्चा के प्रति आशा व्यक्त की.
भारत और चिली रणनीतिक साझेदार और करीबी सहयोगी
सीईपीए का उद्देश्य दोनों देशों के बीच वर्तमान पीटीए को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल सेवाओं, निवेश प्रोत्साहन एवं सहयोग, एमएसएमई, महत्वपूर्ण खनिजों आदि सहित कई क्षेत्रों को शामिल करना है, जिससे आर्थिक एकीकरण और सहयोग बढ़ेगा. भारत और चिली रणनीतिक साझेदार और करीबी सहयोगी हैं. दोनों देश उत्साहपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं. पिछले कुछ वर्षों में उच्चस्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान से द्विपक्षीय संबंध निरंतर रूप से मजबूत हुए हैं. जनवरी 2005 में दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग पर एक रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. इसके बाद मार्च, 2006 में अधिमान्य व्यापार समझौते (पीटीए) पर हस्ताक्षर किए गए. तब से भारत और चिली के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध मजबूत बने हुए हैं और निरंतर प्रगति की दिशा में अग्रसर हैं.
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अप्रैल 2019 में दोनों देशों ने 2019-2021 के दौरान तीन दौर की वार्ता के साथ पीटीए के आगे विस्तार को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. अपने आर्थिक जुड़ाव को और मज़बूत बनाने के लिए दोनों पक्षों ने रोजगार व निवेश को बढ़ावा देने, सहयोग और निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए सीईपीए पर वार्तालाप करने की मंशा व्यक्त की.
विकास के नए अवसर खोलने पर दोनों देशों का जोर
इस साझा दृष्टिकोण की पुष्टि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 1-5 अप्रैल, 2025 तक चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान की गई. दोनों पक्षों के नेताओं ने स्वीकार किया कि व्यापार और वाणिज्य ने द्विपक्षीय संबंधों के एक मजबूत स्तंभ के रूप में कार्य किया है. उन्होंने विकास के नए अवसरों को खोलने के लिए वर्तमान व्यापार ढांचे को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया. इस भावना में दोनों नेताओं ने पारस्परिक रूप से सहमत संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर हस्ताक्षर करने को स्वीकार किया.
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