Home Latest News & Updates नहीं मिली राहतः दिल्ली हाईकोर्ट ने बटला हाउस इलाके में तोड़फोड़ पर रोक लगाने से किया इनकार

नहीं मिली राहतः दिल्ली हाईकोर्ट ने बटला हाउस इलाके में तोड़फोड़ पर रोक लगाने से किया इनकार

by Sanjay Kumar Srivastava
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Delhi High Court Refuses to Halt Demolition of Illegal Constructions in Batla House

कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से चार सप्ताह में वर्तमान याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.

New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को बटला हाउस में अवैध निर्माण को गिराने पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया और तेजस करिया की खंडपीठ आप विधायक अमानतुल्ला खान द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सोमवार शाम करीब 6.10 बजे मामला सामने आने के बाद इसे 11 जून को निर्धारित ध्वस्तीकरण के दिन के लिए सूचीबद्ध कर दिया. पीठ ने कहा कि दो मुद्दों पर दलीलें देने के लिए याचिका को 11 जून को सूचीबद्ध करें. हम इस पर अभी के लिए रोक नहीं लगाने जा रहे हैं, क्योंकि हमें बताया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया है.

दिल्ली विकास प्राधिकरण से 4 सप्ताह में मांगा जवाब

जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने पाया कि एकल न्यायाधीश ने पहले ही कई लोगों को उनकी याचिकाओं में अंतरिम राहत दे दी है, लेकिन मामला जनहित में दायर किया गया था. न्यायमूर्ति करिया ने इससे पहले दिन में एकल न्यायाधीश के रूप में बैठते हुए क्षेत्र के कुछ निवासियों को यथास्थिति प्रदान की. उन्होंने कहा कि बटला हाउस क्षेत्र में इसी तरह की स्थित संपत्ति के संबंध में 4 जून को इसी तरह की राहत दी गई थी. कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से चार सप्ताह में वर्तमान याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा. न्यायाधीश ने कहा कि इस बीच सभी पक्षों द्वारा यथास्थिति बनाए रखी जाएगी.

याचिकाकर्ताओं ने ध्वस्तीकरण को दी है चुनौती

एकल न्यायाधीश के समक्ष तीन याचिकाकर्ता डीडीए द्वारा 26 मई को पारित ध्वस्तीकरण नोटिस को चुनौती दे रहे थे. खंडपीठ के समक्ष आप विधायक खान का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि ध्वस्तीकरण 11 जून के लिए निर्धारित है और उन्होंने अदालत से इस पर रोक लगाने का आग्रह किया. डीडीए के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता सिर्फ एक विधायक हैं और प्रभावित पक्ष नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट पहले ही प्रभावित पक्षों को संरक्षण देने से इनकार कर चुका है.

अगली सुनवाई 11 जून को

उच्च न्यायालय ने कहा कि वह 11 जून को पक्षों की सुनवाई करेगा कि क्या खंडपीठ याचिका पर विचार कर सकती है.जबकि खंडपीठ में बैठे दो न्यायाधीशों में से एक ने कुछ व्यक्तियों द्वारा इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई की है और कुछ राहतें दी हैं. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में बटला हाउस क्षेत्र में अनधिकृत निर्माण वाली संपत्तियों पर ध्वस्तीकरण नोटिस चिपकाए गए थे. 7 मई को शीर्ष अदालत ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश देते हुए एक आदेश पारित किया था.

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