Supreme Court: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक बढ़ा दी है.
Supreme Court: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी से संबंधित एक मामले में कार्यवाही पर रोक लगाने वाले अपने अंतरिम आदेश को अगले साल 22 अप्रैल तक बढ़ा दिया. न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने गांधी द्वारा दायर अपील को स्वीकार कर लिया और कहा कि वह मामले की विस्तार से सुनवाई करेगी. पीठ राहुल गांधी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 29 मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें भारतीय सेना टिप्पणी मामले में निचली अदालत के समन आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
बिना किसी सबूत के बयान देने पर आपत्ति
4 अगस्त को गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने लखनऊ की एक अदालत में लंबित मामले में आगे की कार्यवाही की सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगा दी थी. पीठ ने पहले गांधी से उनकी कथित टिप्पणी के बारे में पूछा था कि आपको कैसे पता चला कि 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर चीनियों ने कब्जा कर लिया है? क्या आप वहां थे? क्या आपके पास कोई विश्वसनीय सामग्री है? पीठ ने आगे कहा कि बिना किसी सबूत के आप ये बयान क्यों दे रहे हैं? अगर आप एक सच्चे भारतीय हैं, तो आप ऐसा कुछ नहीं कहेंगे. शीर्ष अदालत ने तब उत्तर प्रदेश सरकार और मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर गांधी की याचिका पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी थी. गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने शीर्ष अदालत से कहा था कि अगर विपक्ष के नेता मुद्दे नहीं उठा सकते तो यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी.
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान का मामला
उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 का हवाला दिया और कहा कि अदालत द्वारा आपराधिक शिकायत का संज्ञान लेने से पहले आरोपी की पूर्व सुनवाई अनिवार्य है, जो वर्तमान मामले में नहीं किया गया. अदालत में दायर अपनी याचिका में शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि गांधी ने दिसंबर 2022 की अपनी यात्रा के दौरान चीनी सैनिकों के साथ झड़पों के संदर्भ में भारतीय सेना के खिलाफ कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं. ट्रायल कोर्ट ने गांधी को मानहानि के कथित अपराध के मुकदमे का सामना करने के लिए एक आरोपी के रूप में तलब किया. गांधी के वकील प्रांशु अग्रवाल ने तर्क दिया कि शिकायत को पढ़ने से ही आरोप मनगढ़ंत प्रतीत होते हैं. यह भी तर्क दिया गया कि गांधी लखनऊ के निवासी नहीं हैं. इसलिए ट्रायल कोर्ट को इस शिकायत पर उन्हें बुलाने से पहले आरोपों की सत्यता की जांच करनी चाहिए थी, और उन्हें तभी बुलाया जाना चाहिए था, जब आरोप प्रथम दृष्टया परीक्षण के लिए उपयुक्त पाए जाते.
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