Home Latest News & Updates Ayodhya: राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को, 3 जून से शुरू होंगे अनुष्ठान, समारोह में आमंत्रित नहीं होंगे वीआईपी

Ayodhya: राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को, 3 जून से शुरू होंगे अनुष्ठान, समारोह में आमंत्रित नहीं होंगे वीआईपी

by Sanjay Kumar Srivastava
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Ram Mandir, Ayodhya

रामलला का अभिषेक पिछले साल 22 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक समारोह में हुआ था. राम दरबार की मूर्तियों का अभिषेक 5 जून को किया जाएगा.

New Delhi: श्री राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार अयोध्या में प्रतिष्ठित राम मंदिर का निर्माण 5 जून तक पूरा हो जाएगा. 3 जून से शुरू होने वाले समारोह में ‘राम दरबार’ का अभिषेक किया जाएगा. बुधवार को पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में मिश्रा ने बताया कि ‘प्राण प्रतिष्ठा'(अभिषेक) समारोह, जो भव्य होगा, 5 जून को आयोजित किया जाएगा. हालांकि इस बार अतिथि सूची अलग होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि रामलला का अभिषेक पिछले साल 22 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एक समारोह में हुआ था.

भव्य होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह

राम दरबार की मूर्तियों का अभिषेक 5 जून को किया जाएगा. अनुष्ठान 3 जून से शुरू होंगे. इसके अलावा परिसर में सात अन्य मंदिरों का निर्माण किया गया है और उन मंदिरों के लिए धार्मिक समारोह भी उसी दिन किए जाएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या पांच जून को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले साल की तरह भव्य होगा, मिश्रा ने कहा कि मंदिर ट्रस्ट अंतिम रूपरेखा पर विचार कर रहा है. प्रतिष्ठा समारोह हमेशा भव्य होते हैं. क्योंकि आप स्पष्ट रूप से आह्वान कर रहे हैं और भगवान की ‘प्रतिष्ठा’ की जा रही है. लेकिन शायद अतिथि सूची अलग होगी. मिश्रा ने कहा कि अतिथि सूची में राज्यों या केंद्र के वीआईपी शामिल नहीं होंगे. ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है.

समारोह के बाद जनता के लिए खोल दिए जाएंगे मंदिर के नए हिस्से

समारोह के समय विभिन्न मान्यताओं के कई आध्यात्मिक गुरुओं को भी आमंत्रित होंगे. ट्रस्ट ने यह भी निर्णय लिया है कि राज्य या केंद्र सरकार से किसी भी वीआईपी को समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाएगा. मिश्रा ने इस बात से इनकार किया कि मंदिर निर्माण के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य था. कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह कोई राजनीतिक मामला है या इसके पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि यह हमारे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हुआ है और यह क्षण 500 वर्षों के संघर्ष के बाद आया है. मिश्रा ने बताया कि मंदिर के नए हिस्से को पांच जून के समारोह के एक सप्ताह के भीतर जनता के लिए खोल दिए जाने की उम्मीद है.

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