वक्फ कानून पर मचे बवाल के बीच केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वक्फ इस्लाम का अहम हिस्सा नहीं है बल्कि ये सिर्फ एक दान है.
Centre Government on Waqf Row: वक्फ कानून पर बुधवार, 21 मई 2025 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कई दलीलें दीं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोई भी व्यक्ति सरकारी जमीन पर अधिकार का दावा नहीं कर सकता है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “वक्फ के उपयोग के सिद्धांत के तहत किसी को सरकारी जमीन पर अधिकार नहीं है. SC का एक फैसला है, जिसमें कहा गया है कि अगर संपत्ति सरकार की है और उसे वक्फ घोषित किया गया है, तो सरकार उसे बचा सकती है. किसी को भी सरकारी जमीन पर अधिकार नहीं है” अहम ये है कि टॉप कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से दलीलें रखी गईं.

क्या बोली केंद्र सरकार?
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट और इस तथ्य का हवाला दिया कि अधिनियम के अस्तित्व में आने से पहले कई राज्य सरकारों और राज्य वक्फ बोर्डों से परामर्श किया गया था. केंद्र सरकार ने इसके साथ ही अपनी दलीलों का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई जारी है.
क्या बोले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “वक्फ महज एक इस्लामी विचार ही है और इससे ज्यादा कुछ नहीं. वक्फ इस्लाम का कंपल्सरी पार्ट भी नहीं है. ये तो सिर्फ दान दने की ही व्यवस्था है. जिस तरह से ईसाई धर्म चैरिटी होती है, हिंदू धर्म में दान होता है और सिख धर्म में सेवा की परंपरा है, उसी तरह ही वक्फ है.”
वक्फ कानून पर मचा है बवाल
बता दें कि वक्फ विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने और इस पर लगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर के बाद से ही लगातार विवाद जारी है. विपक्षी राजनीतिक दल इसे लगातार एक समुदाय विशेष के खिलाफ बता रहे हैं तो वहीं केंद्र सरकार भी अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है. केंद्र सरकार के तमाम मंत्री कह चुके हैं कि ये कानून किसी भी तरह से किसी धर्म विशेष को निशाना नहीं बनाता है. देश के कई राज्यों में वक्फ कानून के विरोध में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में भी वक्फ कानून के मुद्दे पर हिंसा देखने को मिली थी.
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