Home Latest News & Updates डेलिगेशन में भारत की कूटनीतिक जीत, थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया ने बदले सुर; वापस लिया बयान

डेलिगेशन में भारत की कूटनीतिक जीत, थरूर की नाराजगी के बाद कोलंबिया ने बदले सुर; वापस लिया बयान

by Live Times
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Delegation On Operation Sindoor (1)

Indian Delegation On Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर के तहत शशि थरूर के नेतृत्व में जो डेलिगेशन कोलंबिया गया था उसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है.

Indian Delegation On Operation Sindoor : ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंक के चेहरे को बेनकाब करने के लिए शशि थरूर के नेतृत्व में जो डेलिगेशन कोलंबिया गया था उसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है. बता दें भारत की ओर से पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के जरिए किए गए हमलों के बाद से कोलंबिया ने पाकिस्तान के प्रति संवेदना जताई थी लेकिन जब डेलिगेशन ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई तो इसके सुर बदले हुए नजर आए और आधिकारिक तौर पर अपना बयान वापस ले लिया है.

शशि थरूर ने कहा कहा था?

इस मामले पर बात करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा था कि हम कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से थोड़ा निराश हैं. वहीं, डेलीगेशन से मुलाकात के बाद कोलंबिया की उप विदेश मंत्री योलांडा विलाविसेनियो ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि आज हमें जो स्पष्टीकरण मिला है. कश्मीर में जो कुछ हुआ उसके बारे में अब हमारे पास जो जानकारी है, उसके बेस पर हम बातचीत जारी रखेंगे. इस दौरान शशि थरूर ने आगे कहा कि हमें अभी भी महात्मा गांधी की जमीन पर गर्व है. उन्होंने हमें अहिंसा और शांति का महत्व सिखाया और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष का नेतृत्व भी किया और उन्होंने हमें अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने और डर से मुक्ति का पाठ भी सिखाया है. कोलंबिया के बयान वापस लेने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि ये भारत की यह बड़ी कूटनीतिक जीत है.

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क्या है डेलिगेशन का मतलब?

गौरतलब है कि जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, इसके बाद भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया गया था. इसके बाद से दोनों देशों के बीच पाकिस्तान के डीजीएमओ ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा था. लेकिन इसके बाद से भारत सरकार ने साफ कर दिया कि आगे सिर्फ पाकिस्तान से PoK और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात होगी. ऐसे में भारत की ओर से दुनिभर में भेजे गए डेलिगेशन को भेजने का मकसद पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब करना था. ये डेलिगेशन दुनियाभर में पाक की पोल खोल रहा है जिससे उसे किसी तरह का कोई समर्थन न मिले. वहीं, पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल कर दिया जाए.

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