Home Latest शेयर बाजार पर भी भारत-पाक तनाव का असर, दो दिन में डूब गए निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपए

शेयर बाजार पर भी भारत-पाक तनाव का असर, दो दिन में डूब गए निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपए

by Sanjay Kumar Srivastava
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विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने कल (गुरुवार) तक भारतीय बाजार में निवेश जारी रखा, जबकि खुदरा निवेशक थोड़े सतर्क बने हुए हैं.

Mumbai: भारत-पाकिस्तान संघर्ष बढ़ने के बाद शेयर बाजारों में उथल-पुथल के कारण निवेशकों की संपत्ति दो दिनों में 7 लाख करोड़ रुपये घट गई. भारत ने गुरुवार रात जम्मू और पठानकोट सहित सैन्य स्थलों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की पाकिस्तान की ताजा कोशिशों को तेजी से नाकाम कर दिया. पिछले दिन की गिरावट को जारी रखते हुए शुक्रवार को 30 शेयरों वाला बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स 880.34 अंक या 1.10 फीसदी की गिरावट के साथ 79,454.47 पर बंद हुआ. एनएसई निफ्टी 265.80 अंक या 1.10 फीसदी गिरकर 24,008 पर आ गया. दो दिनों में बीएसई बेंचमार्क 1,292.31 अंक या 1.60 फीसदी टूटा है. निवेशक भारत-पाक संघर्ष के कारण शेयर बाजारों से दूर रहें.

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पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक को नुकसान

सेंसेक्स की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व, अडानी पोर्ट्स, आईटीसी और महिंद्रा एंड महिंद्रा पिछड़ गए. टाइटन कंपनी, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो और भारतीय स्टेट बैंक को लाभ हुआ. बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.30 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मिडकैप सूचकांक में 0.10 प्रतिशत की गिरावट आई. क्षेत्रीय सूचकांकों में रियल्टी में 2.08 प्रतिशत, यूटिलिटीज (1.50 प्रतिशत), वित्तीय सेवाएं (1.40 प्रतिशत), बिजली (1.11 प्रतिशत), बैंकेक्स (1.04 प्रतिशत), एफएमसीजी (0.65 प्रतिशत) और सेवाएं (0.63 प्रतिशत) में गिरावट आई.

हालात को देखते हुए खुदरा निवेशक हुए सतर्क

पूंजीगत वस्तुओं में 1.67 प्रतिशत, औद्योगिक (1.10 प्रतिशत), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं (1.29 प्रतिशत) और धातु (0.17 प्रतिशत) में तेजी आई. संघर्ष की आशंका थी, लेकिन बाजार को स्थिति के और गंभीर होने की उम्मीद नहीं थी, जिससे इसकी अवधि को लेकर चिंता बढ़ गई. हालांकि, रणनीतिक लाभ और प्रतिद्वंद्वी की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए, इसे अभी भी अल्पकालिक टकराव माना जा रहा है. दिलचस्प बात यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने कल (गुरुवार) तक भारतीय बाजार में निवेश जारी रखा, जबकि खुदरा निवेशक थोड़े सतर्क बने हुए हैं.

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