जमाखोरी या भंडारण में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.
New Delhi: भारत और पाकिस्तान के बीच जंग के हालात को देखते हुए व्यापारी जमाखोरी न करें, अन्यथा सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त खाद्य भंडार हैं, लेकिन व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को आवश्यक खाद्य पदार्थों की जमाखोरी के खिलाफ चेतावनी दी, जो कृत्रिम कमी पैदा कर सकते हैं. यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ गया है और पाकिस्तान सीमावर्ती शहरों में अकारण गोलाबारी और ड्रोन हमले कर रहा है.
सरकार के साथ सहयोग करें व्यापारी
केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि देश में खाद्य भंडार के बारे में अफवाहों पर विश्वास न करें. हमारे पास पर्याप्त खाद्य भंडार है, जो आवश्यक मानदंडों से कहीं अधिक है. जोशी ने कहा, “व्यापारी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता या व्यावसायिक संस्थाएं जो आवश्यक वस्तुओं का व्यापार करती हैं, उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है. जमाखोरी या भंडारण में लिप्त किसी भी व्यक्ति पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश में सभी आवश्यक वस्तुओं का पर्याप्त से अधिक स्टॉक है, अतः आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण करने की आवश्यकता के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें.
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कई जगहों पर खाद्य सामग्री के लिए लग रही लंबी लाइन
उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में अफवाहें फैल रही हैं, जिससे लोग आवश्यक खाद्य सामग्री और अन्य दैनिक आवश्यकताएं इकट्ठा करने के लिए दौड़ पड़े हैं और लाइन लगा रहे हैं. मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था, “हमारे पास देश भर में आवश्यक सभी चीजों का पर्याप्त से अधिक स्टॉक है. मंत्री ने जोर देकर कहा, “हमारा स्टॉक जरूरत से कई गुना अधिक है, और देश के किसी भी हिस्से में किसी के लिए बाजारों में दौड़ने की कोई वजह नहीं है. जोशी ने कहा कि किसी भी तरह की कोई कमी नहीं है और किसी को भी ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. चालू फसल वर्ष 2024-25 के खरीफ और रबी सीजन में देश का खाद्यान्न उत्पादन पहले ही 330.92 मिलियन टन तक पहुंच चुका है. ग्रीष्मकालीन (जायद) बुवाई के उत्पादन अनुमान अभी जारी होने बाकी हैं. खाद्यान्न खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम के पास इस वर्ष 1 अप्रैल तक 13.55 मिलियन टन गेहूं का स्टॉक था, जबकि बफर आवश्यकता 7.46 मिलियन टन की है.
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