Home Top News कांवड़ मार्गों में स्थित होटलों पर QR कोड लगाने वाले फैसले से SC सख्त! नोटिस भेजकर मांगा जवाब

कांवड़ मार्गों में स्थित होटलों पर QR कोड लगाने वाले फैसले से SC सख्त! नोटिस भेजकर मांगा जवाब

by Sachin Kumar
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Kanwar Yatra 2025

Kanwar Yatra 2025 : कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है और उसके साथ ही नया विवाद सामने आया है. जब से यूपी सरकार की तरफ से कहा गया है कि कांवड़ मार्गों पर स्थित होटलों को QR कोड लगाना अनिवार्य है.

Kanwar Yatra 2025 : कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकानदारों को QR कोड के स्टिकर लगाने वाले निर्देश पर मामला गरमा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है, जिसमें कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है. बताया जा रहा है कि इन क्यूआर कोड के माध्यम से मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है. न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया गया है और प्रोफेसर अपूर्वानंद झा समेत अन्य 22 लोगों द्वारा दायर की गई याचिका पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी.

मालिकों का नाम और पहचान प्रदर्शित होती है

सर्वोच्च न्यायालय ने बीते साल ही उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश द्वारा जारी इस तरह के नोटिस पर रोक लगा दी थी, जिसमें कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरणों को प्रदर्शित करने को कहा गया था. वहीं. प्रोफेसर अपूर्वानंद की तरफ से दायर की गई याचिका में यूपी प्रशासन ने 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला देते हुए कहा कि नए उपायों के तहत कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है, जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है जिससे वही भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग हो रही है जिस पहले इस न्यायालय ने रोक लगा दी थी.

धार्मिक और जातीय पहचान का चलेगा पता

याचिका में आगे कहा गया है कि राज्य सरकार का निर्देश है कि स्टॉल मालिकों को कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान बताने के लिए कहा गया है. सरकार का इस तरह का निर्देश दुकान, रेस्तरां और ढाबा मालिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है. हिंदू कैलेंडर के श्रावण माह में शिवलिंगों का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त गंगा से पवित्र जल लेकर विभिन्न स्थानों पर कांवड़ लेकर आते हैं. साथ ही सावन के महीने में श्रद्धालु मांसाहार का त्याग करते हैं और कई लोग तो प्याज और लहसुन युक्त भोजन भी नहीं खाते हैं. 23 जुलाई, 2025 को देश में जल है और लाखों-करोड़ों यात्री अपने कांधे पर जल लेकर आते हैं जिसके बाद अपने स्थानीय मंदिर में स्थित शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे.

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