Home Top News चुनावी सुधार या वोट की ताकत छीनने की साजिश ? कांग्रेस ने उठाए सवाल, भाजपा पर हमला

चुनावी सुधार या वोट की ताकत छीनने की साजिश ? कांग्रेस ने उठाए सवाल, भाजपा पर हमला

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
Congress President Kharge

Political attack: कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के माध्यम से भाजपा ने लाखों लोगों, विशेष रूप से कमजोर वर्गों को मताधिकार से वंचित कर दिया है.

Political attack: जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस भाजपा पर लगातार हमलावर होती जा रही है. कांग्रेस ने भाजपा पर चुनाव की शुचिता को खत्म करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा ने रणनीतिक रूप से चुनावों की शुचिता को खत्म कर दिया है, जबकि असली अंत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने का प्रस्ताव करने वाले विधेयक में शामिल है. जिसमें गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक जेल में रहने पर पद से हटाने का प्रावधान किया गया है. अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर एक पोस्ट में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले 11 वर्षों में आरएसएस (RSS) और भाजपा द्वारा भारत के लंबे समय से पोषित और श्रमसाध्य रूप से निर्मित लोकतंत्र को खोखला करने का एक षड्यंत्रकारी प्रयास किया गया है.

कमजोर वर्गों को मताधिकार से किया वंचित

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सीधे चुनावी सुधार का उपयोग हमारे संविधान में निहित वोट के महत्वपूर्ण अधिकार को छीनने के लिए एक उपकरण के रूप में कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के माध्यम से भाजपा ने लाखों लोगों, विशेष रूप से कमजोर वर्गों को मताधिकार से वंचित कर दिया है. कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि असली खेल 130वें संविधान संशोधन विधेयक में छिपा हो सकता है, जो एक विधायी ट्रोजन हॉर्स है. यह प्रस्ताव केंद्र को निर्वाचित राज्य सरकारों को भ्रष्ट करार देकर उन्हें गिराने का मौका देता है, जिसका फैसला भाजपा के कब्जे में पहले से ही मौजूद एजेंसियों द्वारा आसानी से किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि संदेश यही लगता है कि जब आप कानूनी तौर पर 30 दिनों के भीतर निर्वाचित मुख्यमंत्रियों को गिरा सकते हैं तो चुनावों की क्या चिंता करें.

संवैधानिक संस्थानों को बचाने का संकल्प

खड़गे ने आगे कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर, आइए हम अपने संवैधानिक संस्थानों को आरएसएस-भाजपा के चंगुल से बचाने का संकल्प लें. गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने लोकसभा में गंभीर आरोपों में लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने के लिए तीन विधेयक पेश किए, जिसका विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध किया और मसौदा कानून की प्रतियां फाड़ दीं. इस विधेयक में प्रस्ताव दिया गया है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री को ऐसे अपराधों के लिए लगातार 30 दिनों तक गिरफ्तार किया जाता है और हिरासत में रखा जाता है, जिनमें कम से कम पांच साल की जेल की सजा हो सकती है, तो वे 31वें दिन अपनी नौकरी खो देंगे.

ये भी पढ़ेंः Bihar Election : बिहार में सीट शेयरिंग पर शुरू हुई खींचतान, मांझी ने की 15 से 20 सीटों की डिमांड

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?