Bihar Seat Sharing Update : बिहार में चुनाव से पहले सीटों को लेकर खींचतानी सामने आने लगी है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस बार के चुनाव के लिए 15-20 सीटों की मांग की है.
Bihar Seat Sharing Update : बिहार में चुनावों को लेकर अब खींचतानी जगजाहिर होने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का भी बयान सामने आता है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष मांझी ने बिहार के गयाजी में कहा कि
हमारी पार्टी छोटी-मोटी पार्टी नहीं है. यह 10 साल की हो गई है. मैं चाहता हूं कि हमारी पार्टी भी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बने. इसके लिए दो क्राइटेरिया है, एक विधानसभा में 60 फीसदी सीट जीतना होता है. उन्होंने आगे कहा कि 15 से 20 सीट मिलेगी तब ही न 8-9 सीट जीतेंगे या तो 6% वोट पोल का टोटल होना चाहिए. उस हिसाब से हमारा हर विधानसभा में 10 से 15 हजार वोट है. इस दौरान उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि अगर NDA गठबंधन की ओर से 15 से 20 सीट मुझे नहीं दी गई, तब फिर हम अकेले 50 से 100 सीट पर चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद से 6 फीसदी का कुल मतदान का मिल जाएगा, जिससे हमारी पार्टी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बन जाएगी.
मांझी के सीट प्रेशर NDA को कर सकता है परेशान
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी एक नए मिशन पर काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार और पीएम मोदी के कंधों के सहारे अपने सपने को पूरा करने की चाहत में लगे हुए हैं. गयाजी में उन्होंने कहा कि अगर उन्हें 15-20 सीटें नहीं मिली तो अकेले ही उनकी पार्टी 50-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. मांझी ने दावा किया कि बिहार की हर विधानसभा सीट पर हमारी पार्टी (HAM) के 10-15 हजार वोटर हैं.
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पार्टी को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की आस
जीतन मांझी ने आगे कहा कि इस बार उनकी पार्टी का लक्ष्य हर हाल में राष्ट्रीय दल बनना है जिसके लिए उनकी पार्टी को कम से कम 8 सीटों पर जीत हासिल करना ही होगा या तो फिर कुल पोल वोट का 6 फीसदी वोट हासिल करना होगा. ये सबकुछ तभी संभव है, जब 15-20 सीटें दी जाएं. अपने इस बयान के बाद से वह लगातार NDA पर प्रशर बढ़ा रहे हैं. लेकिन अगर उन्हें इतनी सीट नहीं दी गई तो वह बिहार में इस साल के चुनाव में NDA के गेम खराब कर सकते हैं.
2020 में मिली थी 7 सीटें
यहां पर बता दें कि साल 2020 में बिहार NDA में बीजेपी, जेडीयू, चिराग पासवान की लोजपा-आर, जीतनराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की RLM शामिल है. पिछले चुनावों की बात करें तो जीतन मांझी की पार्टी को 7 सीटें मिली थीं, जिसमें से उन्होंने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी. लेकिन अबकी बार मांझी अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं और कम से कम 15 से 20 सीटों की डिमांड कर रहे हैं.
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