Rajnath Singh : भारतीय सेना लगातार स्वदेशी तकनीक को अपनाकर देश को आगे करने का काम कर रही है. अब एक बार फिर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक नए परीक्षण की खासियत का खुलासा किया है.
Rajnath Singh : भारतीय सेना लगातार स्वदेशी तकनीक के साथ देश का विकास कर रही है और हथियारों से लैस हो रही है . इस कड़ी में एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण 23 अगस्त को ओडिशा के तट पर DRDO की ओर से किया गया जोकि सफल रहा. बता दें कि IADWS एक मल्टी-लेयर्ड वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें स्वदेशीQRSAM VSHORADs मिसाइलें और लेजर-आधारित DEW शामिल हैं. इस नई तकनीक से भारत की रक्षा प्रणाली को मदद मिलेगी जो इनकी क्षमताओं को मजबूत करेगा.
लगातार विकसित कर रही है तकनीक
यहां पर बता दें कि भारतीय सेना लगातार स्वदेशी तकनीक को विकसित कर रही है. अब इसी कड़ी में एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण किया जो सफल रहा है. जानकारी की माने तो ये परीक्षण DRDO की ओर से 23 अगस्त को दोपहर 12:30 बजे ओडिशा के तट पर किया गया था.
यह भी पढ़ें: PM Modi Visit: पीएम का टारगेट बिहार, 22 अगस्त को करेंगे गयाजी का दौरा; देंगे करोड़ों की सौगात
क्या है IADWS की खासियत
गौरतलब है कि IADWS एक मल्टी-लेयर्ड वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें सभी स्वदेशी तुरंत प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QRSAM), उन्नत अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADs) मिसाइलें और लेजर-आधारित वाले ऊर्जा हथियार (DEW) शामिल हैं.
रक्षा मंत्री ने दी जानकारी
इस परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 23 अगस्त, 2025 को करीब 12:30 बजे ओडिशा के तट पर एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली (IADWS) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया है. ADWS एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है जिसमें सभी स्वदेशी त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (QRSAM), उन्नत अति लघु दूरी वायु रक्षा प्रणाली (VSHORADS) मिसाइलें और एक लेजर आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार (DEW) शामिल हैं. उन्होंने आगे लिखा कि मैं IADWS के सफल विकास के लिए DRDO, भारतीय सशस्त्र बलों और उद्योग जगत को बधाई देता हूं. इस अनूठे उड़ान परीक्षण ने हमारे देश की बहुस्तरीय वायु रक्षा क्षमता को स्थापित किया है और यह दुश्मन के हवाई खतरों के विरुद्ध महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए क्षेत्रीय रक्षा को मजबूत करेगा.
यह भी पढ़ें: मेड इन इंडिया चिप जल्द होगी लॉन्च, बढ़ेगी भारत की ताकत; टेलीकॉम टेक्नोलॉजी का भी जिक्र
