Home Top News आकाश को मिली बड़ी जिम्मेदारी, युवा वर्ग को साधने की कोशिश; रणनीति से पार्टी को फायदा!

आकाश को मिली बड़ी जिम्मेदारी, युवा वर्ग को साधने की कोशिश; रणनीति से पार्टी को फायदा!

by Live Times
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Mayawati Akash Anand News

Mayawati Akash Anand News: बहुजन समाज पार्टी यानी BSP ने आकाश आनंद पर विश्वास जताते हुए एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्हें नेशनल कॉर्डिनेटर की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है.

Mayawati Akash Anand News: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बीच बहुजन समाज पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है. मायावती ने आकाश आनंद पर विश्वास दिखाते हुए उन्हें पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया है. ये फैसला वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान लिया गया है. हालांकि, आकाश को पार्टी में बड़े पद मिलने की उम्मीद पहले से ही जताई जा रही है.

मायावती की नई रणनीति

यहां बता दें कि बैठक के दौरान BSP के तीन राष्ट्रीय समन्वयकों, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, रणधीर बेनीवाल और राजाराम को ये निर्देश दिया गया कि वे अब से आकाश आनंद को रिपोर्ट करेंगे. वहीं, इस समन्वयकों में रामजी गौतम बिहार के प्रभारी भी हैं. दरअसल, बिहार में चुनाव होने वाले हैं जिसके बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि आकाश आनंद बिहार के राजनीति में सक्रिय रह सकते हैं.

युवा वर्ग को साधने की कोशिश

मायावती ने आकाश आनंद को ये जिम्मेदारी देकर युवा वर्ग को साधने की कोशिश की है. वहीं, इस बैठक में आने वाले चुनावों को लेकर भी रणनीतिक चर्चा हुई, जिसमें मायावती ने भतीजे आकाश आनंद की भूमिका को काफी अहम माना है.

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बेहद अहम है फैसला

गौरतलब है कि मायावती के ये फैसला बेहद अहम इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि मार्च 2025 में उन्होंने आकाश आनंद को पार्टी से बाहर कर दिया था जिसके लिए उन्होंने उन्हें व्यवहार को अनुशासनहीन बताया था. उस दौरान मायावती ने कहा था कि अब मेरे जीते-जी पार्टी का कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा. लेकिन बाद में आकाश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मायावती से माफी मांगी थी, जिसके बाद से उन्हें फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया था.

पार्टी के लिए कितनी सही होगी आकाश की रणनीति

आकाश आनंद की पार्टी में वापसी और उन्हें एक बार फिर से मिली अहम जिम्मेदारी सौंपने से ये तो स्पष्ट हो गया है कि मायावती अपने भतीजे को पार्टी में एक निर्णायक भूमिका में आगे बढ़ाना चाहती हैं. एक्सपर्ट की मानें को BSP का ये फैसला पार्टी को नई दिशा देने और युवा चेहरे को साधने के लिए लिया गया है.

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