SC On Stray Dogs : राजधानी में आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इसके साथ ही इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं. इसके पहले 14 अगस्त को स्पेशल बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.
SC On Stray Dogs : दिल्ली-NCR में लगातार कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था. लेकिन इस फैसले के बाद से लोगों का हंगामा देखने को मिला था. इसके बाद से दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की विशेष पीठ ने सुनवाई की थी और फैसले सुरक्षित रख लिया था, जिसके बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. बता दें कि इसके पहले 3 सदस्यीय पीठ ने दिल्ली सरकार को 8 हफ्तों के भीतर राजधानी की सड़कों से आवारा कुत्ते हटाने का निर्देश दिया था, जिसपर जमकर बवाल हुआ था.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के लिए नोटिस जारी की है. इस दौरान उन्होंने शेल्टर होम भेजे गए कुत्तों को छोड़ने का आदेश दिया है. नसबंदी और टीकाकरण के बाद ही कुत्तों को छोड़ा जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि आक्रमक और हिंसक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाएगा. इसके साथ ही सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना देने पर पाबंदी लगाई गई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का फैसला सुनाया था जिसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले दिए थे निर्देश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर कई जगहों पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया था. लेकिन डॉग बाइट के बढ़ते केस को देखते हुए कई बड़े निर्देश दिए हैं.
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दिए गए निर्देश में कोर्ट ने निर्देश दिया था कि NCT दिल्ली, MCD और NDMC से जल्द ही आवारा कुत्तों को हटाना शुरू कर दे. इसके बाद से उन्होंने ये ङी कहा कि आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखा जाएगा और साथ ही इसका रिकॉर्ड बनाया जाए. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने NCR में शेल्टर होम के बुनियादी ढांचे पर 2 महीने में रिपोर्ट मांगी थी. डॉग शेल्टर में आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी और टीकाकरण के लिए पर्याप्त लोग. आवारा कुत्तों किसी भी सार्वजनिक जगहों पर नहीं छोड़ा जाएगा. अगर कोई भी व्यक्ति आवारा कुत्तों को उठाने के लिए या सरकार के काम में रोक लगाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया
इसके पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने ये बात रखी थी कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता है. वह इसका हल निकालना चाहते हैं. कोर्ट इस समस्या के समाधान पर जोर दे रहा है. उन्होंने आगे कहा था कि कुत्तों के हमले से बच्चे मर रहे हैं. नसबंदी करने से कुत्तों के काटने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं. देश में इस तरह के कई चौंकाने वाले मामले रोजाना सामने आ रहे हैं. हम बस इतना कहना चाहते हैं कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता है. लेकिन सुरक्षा जरूरी है.
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