Home राजनीति भ्रामक विज्ञापन के लिए सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स भी जिम्मेदार, पतंजलि केस में SC की टिप्पणी

भ्रामक विज्ञापन के लिए सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स भी जिम्मेदार, पतंजलि केस में SC की टिप्पणी

by Rashmi Rani
0 comment
दो से अधिक बच्चे होने पर राजस्थान में सरकारी नौकरी नहीं, SC ने लगाई मुहर

Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस का विज्ञापन भ्रामक पाया जाता है तो इसे करने वाले सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स भी जिम्मेदार होंगे.

07 May, 2024

Patanjali Misleading Ads Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि भ्रामक विज्ञापन के मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस का विज्ञापन भ्रामक पाया जाता है तो इसे करने वाले सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स भी जिम्मेदार होंगे. कोर्ट ने कहा कि मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के लिए किसी उपभोक्ता उत्पाद का समर्थन करते समय जिम्मेदारी से काम करना जरूरी है.

केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम का पालन करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि विज्ञापन जारी करने की अनुमति देने से पहले, केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 की तर्ज पर विज्ञापनदाताओं से एक स्व-घोषणा(self declaration) प्राप्त की जानी चाहिए. 1994 के कानून का नियम 7 एक विज्ञापन कोड निर्धारित करता है जो कहता है कि किए जाने वाले विज्ञापनों को देश के कानूनों के अनुरूप डिजाइन किया जाना चाहिए. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को भ्रामक विज्ञापनों और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा उनके खिलाफ की गई या प्रस्तावित कार्रवाई से अवगत कराने का भी निर्देश दिया.

जिम्मेदारी लेना है जरूरी

पीठ ने कहा कि सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के द्वारा किया गया समर्थन उत्पादों को बढ़ावा देने में बहुत मददगार होता है और विज्ञापन के दौरान किसी भी उत्पाद का समर्थन करते समय जिम्मेदारी के साथ काम करना और उसकी जिम्मेदारी लेना उनके लिए जरूरी है. पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये बात कही है और आदेश जारी किया है.

IMA की ओर से दायर की गई याचिका

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा 2022 में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें पतंजलि और योग गुरु रामदेव द्वारा कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ एक बदनामी अभियान का आरोप लगाया गया है. पीठ पतंजलि उत्पादों के बारे में भ्रामक विज्ञापनों की आलोचना कर रही है, जिन्हें अब सोशल मीडिया पर डालने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें : भारत का सबसे भरोसेमंद हिंदी न्यूज़ चैनल, बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ और ताज़ा अपडेट

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?