आपातकाल पर बीजेपी के वार पर अब कांग्रेस ने भी पलटवार कर दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी को घेरा है.
Congress Attacks BJP: आपातकाल की 50वीं बरसी पर बीजेपी के वार पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर निशाना साधा. प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातों को खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर किया. खड़गे ने लिखा, “कांग्रेस पार्टी पूरे देश में पिछले 1 साल से संविधान बचाओ आंदोलन चला रही है. इससे बीजेपी घबरा गई. जिनका देश की आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा, जिनका संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा, जिन्होंने संविधान का विरोध किया – उसकी कॉपी जलाई, वो कांग्रेस पार्टी को संविधान के ऊपर नसीहत दे रहे है. मोदी सरकार अपनी सारी नाकामियों पर परदा डालने के लिए रोज नए कार्यक्रम और नारे देती है. विफल विदेश नीति, महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आर्थिक बदहाल, गरीब औ अमीर की बढती खाई, चंद उद्योगपतियों को नाजायज फायदा पहुंचाए जाने और बढती सांप्रदायिकता जैसे मसलों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है. इस समय देश में अघोषित आपातकाल है. न ये सरकार संविधान की इज्जत करती है और न संसद की.”
सुप्रिया श्रीनेत ने क्या लिखा?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातों को एक्स पर शेयर किया. सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, “जिनका देश की आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं रहा – ना संविधान निर्माण में कोई योगदान रहा. जो संविधान बाबा साहेब और नेहरू जी के साथ बहुत सारे नेताओं ने तैयार किया था, उस संविधान को भी उन्होंने जलाया था. यही नहीं, उन्होंने बाबा साहेब का पुतला, नेहरू और गांधी जी की फोटो तक जलाई. ऐसे लोग आज संविधान की बात कर रहे हैं. ऐसे लोग आज 50 साल इमरजेंसी की बात कर रहे हैं. हमारे एक साल से चल रहे संविधान बचाओ संघर्ष से BJP घबरा गई. यह लोग अपने खुद के झूठ और विफलताओं को छिपाने के लिए यह नाटक रच रहे हैं.”
सुप्रिया श्रीनेत का बड़ा वार
सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर बीजेपी से कई सवाल पूछते हुए पोस्ट किया, “वो आपको 400 साल पहले और 40 साल आगे की बातों में उलझायेंगे क्योंकि उनके पास वर्तमान में कुछ कहने को है ही नहीं. आखिर किस पर बात करेंगे? 2 महीने से ज्यादा हो गए फिर भी आतंकियों को ना पकड़ने की अपनी नाकामी पर? अमेरिका के सामने महामानव के सरेंडर पर? विफल विदेश नीति पर? भयावह बेरोजगारी पर? कमरतोड़ महंगाई पर? अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती खाई पर? अडानी महाघोटाले पर? दिनोंदिन बढ़ते अपराध पर? अपने विधायकों और नेताओं की गुंडई पर? आय दिन होते रेल एक्सीडेंट पर महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों पर? दरिंदों को संरक्षण देने पर? मीडिया को गोदी में बिठा कर गले में पट्टा पहनाने पर? वोटिंग में होती धांधली पर? लोगों का चुनाव संबंधित जानकारी जानने के अधिकार छीनने पर? विपक्ष को अपनी पालतू एजेंसी के माध्यम से प्रताड़ित करने पर? अपने खिलाफ उठने वाली हर आवाज का दमन करने पर? चंदा दो, धंधा दो की काली करतूतों पर? संसद से भाग खड़े होने पर? हर जिम्मेदारी से मुंह मोड़ने पर? अपने भोंडे भद्दे भाषणों पर? इस देश में लगातार नफरत की आग भड़काने पर? यह कोई बात कर ही नहीं सकते हैं! इसीलिए सिर्फ भूत और भविष्य की बातें करेंगे .आज और अभी से इनका कोई लेना देना नहीं है, 11 साल से झुनझुना बजाने के अलावा और किया ही क्या है?”
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